बजट बढ़ाएगा उद्यमिता की भावना: सीतारमण

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:46 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में नई पहल की गई है जो देश में उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देगी। वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि बजट में ऐसे समय में संसाधन जुटाए गए हैं जब व्यय करने के लिए एक बड़ी रकम की जरूरत थी और कर दरों में भी बदलाव की गुंजाइश नहीं थी।
वित्त मंत्री ने उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधन में ये बातें कहीं। उन्होंने वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम कहा, ‘वित्त वर्ष 2021-22 का बजट कुछ तरह तैयार किया गया है, जिसमें अतिरिक्त रकम के प्रावधान तो किए गए हैं मगर करों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। बजट से देश को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे देश के लोगों में उद्यमशील होने की भावना मजबूत होगी।’
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं कि  सरकार ने अचानक प्रतिक्रिया स्वरूप बदलाव किए हैं बल्कि पिछले 30 वर्षों से ये बातें भारतीयों के जेहन में घूम रही थी। उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात फिर कहना चाहूती हूं कि सरकार ने समाज के  किसी वर्ग पर दबाव नहीं डाला है उन पर एक रुपये भी रकम नहीं लादी गई है।’
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि इस वर्ष राजस्व संग्रह में वृद्धि जारी रहेगी। सीतारमण ने
कहा, ‘हमें पूरा भरोसा है कि विनिवेश के अलावा हम गैर-कर राजस्व का इंतजाम करेंगे।’ वित्त मंत्री ने उद्योग जगत से आगे आकर निवेश करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘सरकार ने जिस भावना के साथ बजट पेश किया है मुझे लगता है कि उद्योग जगत उसे समझेगा। मैं उद्योग जगत से देश को एक नई दिशा देने में सहयोग के लिए आगे आने की अपील करती हूं। उद्योग जगत पर अब कर्ज बोझ नहीं है और वित्तीय स्थिति भी दुरुस्त है। ऐसे में उसे अब निवेश करना चाहिए और और इस बात का स्पष्ट संकेत देना चाहिए कि वह तकनीक के मोर्चे पर अपनी पसंद के अनुरूप किसी भी संयुक्त उद्यम के लिए तैयार है।’
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अर्थव्यवस्था को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए सरकार सार्वजनिक सुविधाओं और तीन बड़े क्षेत्रों में वृहद स्तर पर निवेश करेगी। इनमें ढांचागत, स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र शामिल हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘सरकार कितनी भी कोशिश क्यों न कर लें वह तेजी से उभरते भारत की सभी अपेक्षाएं पूरी नहीं कर पाएगी। इन्हें पूरा करने के लिए उद्योग जगत को भी आगे आना होगा।’ डेवलपमेंट फाइनैंस इंस्टीट्यूशंस (डीएफआई) पर सीतारमण ने कहा, ‘हम एक डीएफआई तैयार करेंगे और दीर्घ अवधि के लिए सभी ढांचागत निवेश बाजार के अनुरूप होंगे। इससे स्वयं ही क्षमताएं बढ़ेंगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में पूरी पारदर्शिता बरतते हुए सभी आंकड़े दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘किसी प्रकार की लीपापोती नहीं की गई है। सरकार की वित्तीय स्थिति पर बजट में स्पष्ट तस्वीर पेश की गई है और प्रोत्साहनों के साथ ही आर्थिक सुधारों की घोषणाएं हुई हैं। बजट से स्पष्ट है कि सरकार केवल बैठी हुई नहीं है बल्कि उद्योग एवं कारोबारी नेतृत्व में भरोसे संग तेजी से आगे बढ़ रही है।’

First Published : February 4, 2021 | 11:39 PM IST