पिछली तिथि से कराधान खत्म

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:06 AM IST

सरकार ने पिछली तिथि से लागू कर कानून को लेकर कंपनियों में भय को खत्म करने के लिए लोकसभा में आज एक विधेयक पेश किया। इसके तहत केयर्न एनर्जी और वोडाफोन पीएलसी जैसी कंपनियों से पूर्व की तिथि से कर की मांग को वापस लिया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि वह इस तरह के कर के जरिये वसूले गए धन को वापस कर देगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इसके तहत भारतीय परिसंपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर कर लगाने के लिए पिछली तिथि से लागू कर कानून, 2012 का इस्तेमाल करके की गई कर मांगों को वापस लिया जाएगा। विधेयक में कहा गया है कि पिछली तिथि से कराधान की कोई भी मांग भविष्य में नहीं की जाएगी। इन मामलों में भुगतान की गई राशि को बिना किसी ब्याज के वापस करने का भी प्रस्ताव किया गया है और इस संबंध में सभी लंबित मुकदमों को वापस ले लिया जाएगा।
इस विधेयक का सीधा असर केयर्न एनर्जी और वोडाफोन समूह के साथ लंबे समय से चल रहे कर विवाद पर होगा। भारत सरकार पिछली तिथि से लागू कर कानून के खिलाफ इन दोनों कंपनियों द्वारा किए गए मध्यस्थता मुकदमों में हार चुकी है। हालांकि सरकार ने मध्यस्थता आदेश को संबंधित अदालतों में चुनौती भी दी है। वैसे, वोडाफोन मामले में सरकार की कोई देनदारी नहीं है, लेकिन उसे केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर वापस करने हैं। विधेयक में कहा गया कि विदेशी कंपनी के शेयरों के हस्तांतरण के जरिये भारत में स्थित संपत्ति के हस्तांतरण की स्थिति में होने वाले लाभ पर कराधान का मुद्दा लंबी मुकदमेबाजी का विषय था, जिसे खत्म करने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने 2012 में दिए फैसले में कहा था कि भारतीय संपत्ति के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण से होने वाले लाभ कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत कर योग्य नहीं हैं। इसके बाद तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने वित्त अधिनियम, 2012 द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों को पिछली तिथि से संशोधित किया, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि एक विदेशी कंपनी के शेयरों की बिक्री से होने वाले लाभ पर भारत में कर लगेगा।
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है, ‘इस कानून के अनुसार 17 मामलों में आयकर की मांग की गई थी। दो मामलों में उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन के कारण आकलन लंबित हैं।’ केयर्न और वोडाफोन मामले में मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने करदाता के पक्ष में और आयकर विभाग के खिलाफ फैसला सुनाया था।

First Published : August 6, 2021 | 12:10 AM IST