कोविड के बीच शुरू संसद सत्र

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 1:57 AM IST

संसद के मॉनसून अधिवेशन के पहले दिन पूरी फिजा ही बदली हुई थी। न तो प्रश्न काल था, न ही सदस्यों के लिए अपनी आवाज बुलंद करते हुए आसन के समक्ष जाने का मौका था, न ही अपनी मांगों के समर्थन में बैनर एवं पोस्टर लहराने की जगह थी और न ही संसद की कार्यवाही को करीब से देखने के लिए आने वाले मेहमान दर्शकों की दीर्घा नजर आई। सच तो यह है कि लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों ही सदन पहचान में ही आ रहे थे। चारों तरफ दुख का एक साया मंडरा रहा था। मॉनसून सत्र के पहले दिन हाल ही में दिवंगत हुए पूर्व एवं मौजूदा संसद सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इन सदस्यों के सम्मान में सदनों की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, पूर्व मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, लोकसभा सदस्य एल वसंतकुमार और राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों अमर सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा एवं एमपी वीरेंद्र कुमार को श्रद्धांजलि दी गई।
कोविड महामारी के बीच सोमवार को शुरू हुआ मॉनसून अधिवेशन हर लिहाज से अलग दिख रहा था। कार्यवाही के दौरान सांसद केवल एक बार ही खड़े हुए और वह भी दिवंगत लोगों की याद में। सदस्यों ने बैठकर ही अपनी बात रखी और आपत्तियां दर्ज कराईं। लोकसभा में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने प्रश्नकाल न कराए जाने पर लोकतंत्र का गला घोंटे जाने का आरोप लगाया। इसके जवाब में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीट पर बैठे हुए ही कहा कि प्रश्नकाल न कराने के मुद्दे पर सरकार ने विपक्ष से भी मशविरा किया था। संसद में कोविड-19 से लड़ाई के दौरान जान गंवाने वाले कर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके अलावा सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर जवानों को भी याद किया गया। राज्य सभा में नए चुनकर आए सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इस दौरान कमजोर नजर आ रहे सदस्यों की सफेद पीपीई सूट और दस्ताने पहने हुए सहायकों ने मदद की। उधर फारूक अब्दुल्ला अगस्त 2019 में नजरबंद किए जाने के बाद पहली बार संसद में दिखे। महामारी के दौर में बहुत कुछ नया दिखा। किसी भी व्यक्ति को कोविड निगेटिव होने पर ही संसद भवन परिसर में प्रवेश की अनुमति दी गई। जांच के दौरान लगभग 30 सांसद कोविड से पीडि़त पाए गए हैं। इससे तमाम सांसद काफी परेशान नजर आए। कार्यवाही के दौरान सदस्यों के बीच बैठने का लंबा फासला रखा गया है। इस सबके बावजूद विधेयकों को बहुत सहजता से पारित करा लिया गया। होम्योपैथी और भारतीय चिकित्सा प्रणाली पर राष्ट्रीय आयोगों के गठन संबंधी विधेयकों को लोकसभा की मंजूरी मिल गई। स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कोविड महामारी से निपटने में सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘भारत प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमण को 3,328 और मौत को 55 के आंकड़े तक सीमित रखने में सफल रहा है। कोरोना से प्रभावित देशों में यह अनुपात सबसे कम में से एक है।’

First Published : September 14, 2020 | 11:48 PM IST