प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन का शिलान्यास किया और इस अवसर को ऐतिहासिक और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर करार दिया। उन्होंने कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा। नए संसद भवन के भूमि पूजन और शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नए संसद भवन का निर्माण समय और जरूरतों के अनुरूप परिवर्तन लाने का प्रयास है और आने वाली पीढिय़ां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है।
चार मंजिले नए संसद भवन का निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है। नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है। नए संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू एवं लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने क्रमश: राज्यसभा और लोक सभा में 5 अगस्त, 2019 को किया था। समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के लिखित संदेश भी पढ़कर सुनाए गए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों ने शुभकामनाएं दीं।