एयर इंडिया की दिल्ली से अमेरिका की उड़ानों में 50 बैग छोडऩे पड़ रहे हैं, क्योंकि अफगानिस्तान ने वायुमार्ग बंद कर दिया है और इससे यात्रा की दूरी बढ़ गई है और भार की क्षमता सीमित हो गई है।
एयर इंडिया के बोइंग 777 और 787 विमान न्यूयॉर्क, नेवार्क, शिकागो, वाशिंगटन और सैन फ्रांसिस्को जाते हैं। जहां सैन फ्रांस्सिको की उड़ान पूर्वी मार्गों से होती है, अन्य 4 उड़ानें अफगानिस्तान पार कर मध्य एशिया और रूस की सीमा में होते हुए जाती हैं। अफगानी वायुक्षेत्र में 16 अगस्त से उड़ान पर प्रतिबंध के कारण एयर इंडिया की यूरोप और अमेरिका की उड़ाने पाकिस्तान और ईरान होकर दक्षिणी मार्ग से मध्य एशिया में जा रही हैं।
इसकी वजह से उड़ान में करीब 30 मिनट अतिरिक्त वक्त लग रहा है और एयर इंडिया मार्ग बदलने और वक्त बढऩे की वजह से अतिरिक्त 5-8 टन ईंधन भर रही है। इसकी वजह से भार वहन की क्षमता सीमित हो गई है और एयरलाइन को यात्रियों के बैग और सामान दिल्ली में छोडऩे पड़ रहे हैं। यह समस्या शिकागो मार्ग पर गंभीर है, जहां जाने के लिए न्यू यॉर्क और नेवार्क की तुलना में ज्यादा वक्त लगता है।
अमेरिका-भारत क्षेत्र में भार के प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ रहा है क्योंकि अनुकूल हवा के कारण उड़ान की अवधि करीब 45 मिनट कम होती है। बदले हुए मार्ग के साथ एयर इंडिया की बैगेज नीति की वजह से भी समस्या आ रही है। एयर इंडिया इकोनॉमी क्लास के यात्रियों को 23 किलो के दो बैग की अनुमति देती है और विद्यार्थियों को मुफ्त तीसरे बैग की अनुमति होती है।
यात्री अपने सामान गायब होने को लेकर ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिकायत कर रहे हैं। इससे खासकर विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं क्योंकि वे अपने नए आवास के लिए घर के सामान ले जाते हैं। कुछ यात्रियों की शिकायत है कि ग्राहक सेवा नंबर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।
एक सूत्र ने कहा कि जो बैग छूट गए हैं, उन्हें अगली उपलब्ध उड़ान से भेजा जा रहा है, जिसमें यूनाइटेड एयरलाइंस की उड़ान भी शामिल है। पाकिस्तान और तजाकिस्तान वाले नजदीकी उत्तरी मार्ग को लेकर एयरलाइंस सुरक्षा संबंधी आकलन कर रही हैं। इससे उड़ान की अवधि कम होगी और ईंधन कम जलेगा। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘लंबी दूरी हो जाने के कारण भार की कुछ सीमा है, जिसकी वजह से कुछ सामान संभवत: नहीं जा पाए हैं। बहरहाल हम उन्हें तेजी से भेजने की हर कवायद कर रहे हैं।’