अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उत्पन्न परिस्थितियों की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि, बैठक में क्या चर्चा हुई इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया। इससे पहले, काबुल में भारतीय राजदूत एवं दूतावास के कर्मियों समेत 120 लोगों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान मंगलवार को अफगानिस्तान से भारत पहुंच गया।
सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बारे में सूत्रों ने कहा कि इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्ष वर्धन शृंगला, अफगानिस्तान में भारत के राजदूत आर टंडन सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस बीच, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सभी भारतीयों की अफगानिस्तान से सकुशल वापसी को लेकर प्रतिबद्ध है और काबुल हवाईअड्डïे से वाणिज्यिक उड़ानों की बहाली होते ही वहां फंसे अन्य भारतीयों को स्वदेश लाने का प्रबंध किया जाएगा। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारतीय दूतावास के कर्मियों को लेकर एक सैन्य विमान स्वदेश लौट आया। भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के पास स्थित हिंडन वायु सेना स्टेशन आने के क्रम में पूर्वाह्न करीब सवा ग्यारह बजे गुजरात के जामनगर स्थित वायुसेना स्टेशन पर उतरा था। ऐसी खबरें हैं कि इस विमान से कुछ अन्य भारतीय नागरिक भी लौटे हैं। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने जामनगर में पत्रकारों से कहा कि काबुल में हालात बेहद खराब हैं और वहां फंसे भारतीयों को वाणिज्यिक उड़ान सेवा शुरू होने के बाद वापस लाया जाएगा। टंडन ने कहा कि दूतावास में हमारे 192 कर्मी हैं जिन्हें दो चरणों में बहुत ही व्यवस्थित तरीके से तीन दिन के भीतर अफगानिस्तान से वापस लाया गया है। पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में भारत के राजदूत के रूप में दायित्व संभालने वाले टंडन ने कहा कि काबुल में तेजी से बदली स्थिति के बीच दूतावास ने अनेक परेशान भारतीयों की मदद की और उन्हें शरण भी दी।
इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की है। जयशंकर अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर न्यूयॉर्क में हैं। उन्होंने सोमवार देर रात तीन बजे ट्वीट में कहा कि उन्होंने ब्लिंकन के साथ अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने काबुल में हवाईअड्डïा संचालन बहाल करने की अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। जयशंकर ने कहा कि वह इस संबंध में अमेरिकी प्रयासों की बहुत सराहना करते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि जयशंकर और ब्लिंकन ने अफगानिस्तान संबंधी हालात पर चर्चा की। भारत अगस्त माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है। इसी के मद्देनजर जयशंकर सुरक्षा परिषद के इस सप्ताह दो उच्च स्तरीय अहम कार्यक्रमों की अध्यक्षता के लिए सोमवार को न्यूयॉर्क आए।
इस बीच, भारत ने मंगलवार को अफगान नागरिकों के लिए आपात ई-वीजा जारी करने की घोषणा की। सभी अफगान नागरिक (चाहे वे किसी भी धर्म में आस्था क्यों नहीं रखते हों) ऑनलाइन इस वीजा के आवेदन कर सकते हैं। इन आवेदनों पर नई दिल्ली में विचार होगा। भारत ने यह ई-वीजा उन लोगों के लिए जारी किया है जो तालिबान के कब्जे के बाद भारत आना चाहते हैं।