अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ (reciprocal tariffs) लागू किए जाने से पहले भारतीय उद्योग जगत (Indian industry) ने सरकार से अपील की है कि उसे ऐसे शुल्कों के प्रभाव से बचाया जाए। सूत्रों के अनुसार, उद्योग इस बात को लेकर चिंतित है कि इन टैरिफ का असर नौकरियों पर नकारात्मक रूप से पड़ेगा। इसी वजह से उद्योग जगत चाहता है कि इन टैरिफ के असर को कम करने के लिए भारत जल्द से जल्द अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करे।
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करेगा ताकि अमेरिका से आयात पर लगाए गए टैरिफ और गैर-टैरिफ शुल्कों के बराबर शुल्क लगाया जा सके। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि भारत को उसके ऊंचे टैरिफ स्ट्रक्चर की वजह से कोई विशेष रियायत नहीं दी जाएगी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उन्होंने अपना रुख कुछ नरम किया है। किसी देश का नाम लिए बिना ट्रंप ने कहा कि 2 अप्रैल को कई देशों को कुछ छूट दी जाएगी।
Also read: वित्त मंत्रालय की चेतावनी: वैश्विक अनिश्चितताओं से भारत की आर्थिक वृद्धि को खतरा
इस समय भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (bilateral trade agreement) को अंतिम रूप देने के लिए गहन चर्चा चल रही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) के सहायक प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच (Brendan Lynch) अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम के साथ 25 मार्च से पांच दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जहां वे भारतीय पक्ष के साथ बैठकें कर रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर वार्ता मंगलवार को शुरू हुई।