फेसबुक ने नियामक के डेटा स्थानीयकरण के नियमों का पालन किया है और इसे जल्द ही इसके मेसेंजर सर्विस प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप पे के लिए अनुमति मिलने की उम्मीद है। ऐसे में व्हाट्सऐप पे यूपीआई आधारित डिजिटल भुगतान के बढ़ते बाजार में अपनी प्रतिद्वंद्वियों गूगल पे, वॉलमार्ट के फोनपे, अलीबाबा समर्थित पेटीएम और एमेजॉन पे को चुनौती देने के लिए तैयारी कर रहा है। उद्योग के मौजूदा अनुमानों के मुताबिक सबसे बड़ा खिलाड़ी गूगल पे (40 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ) और इसके बाद फोनपे है। व्हाट्सऐप के भारत प्रमुख अभिजित बोस कहते हैं, ‘हम देश में व्हाट्सऐप पेमेंट्स की शुरुआत करने के इच्छुक हैं और हम सरकार, स्थानीय बैंकों और संस्थानों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे और हमारा मकसद नवाचार को बढ़ावा देने के साथ ही वित्तीय सेवाएं मुहैया कराना और सबको इस दायरे में लाना तथा सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों का सशक्तीकरण करना है।’
बोस का कहना है कि व्हाट्सऐप पर भुगतान वाला फीचर लोगों के इस्तेमाल करने के लिए मुफ्त है। वह कहते हैं, ‘हमारा लक्ष्य भुगतान को उतना ही सरल और आसान बनाना है जितना कि एक संदेश भेजना ताकि देश के सभी नागरिकों को वित्तीय सेवाओं की प्रक्रिया से जोडऩे में मदद की जा सके।’
तो क्या व्हाट्सऐप भारत का वीचैट बन सकता है? चीनी ऐप जिसने भुगतान के साथ मेसेंजर की सेवाओं को जोड़ा है वह एक ‘सुपर ऐप’ में तब्दील हो चुका है और इसकी वजह से ग्राहकों को फ्लाइट बुकिंग, कार की सवारी, फिल्म टिकट से लेकर कई तरह की सेवाएं दी जा रही हैं। इसका एक बड़ा ग्राहक आधार है जो चीन की आबादी के 83 फीसदी से अधिक को कवर करता है।
बेशक पहुंच के दायरे के लिहाज से व्हाट्सऐप कहीं भी नहीं पहुंचता है। लेकिन 40 करोड़ उपयोगकर्ताओं के लिहाज से यह देश में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला ऐप है जो एक-तिहाई देशों की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। यहां तक कि एनपीसीआई द्वारा चलाए जा रहे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 15 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं और कोविड-19 के दौरान यूपीआई प्लेटफॉर्म से जुडऩे वालों की तादाद में 50 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। बीओएफ ए रिसर्च के मुताबिक व्हाट्सऐप के लॉन्च के साथ ही वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस संख्या में बढ़ोतरी हो जाए क्योंकि पहली बार के उपयोगकर्ता भी इससे जुड़ेंगे जिससे सब तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। आखिर इनकी पेशकश किस तरह की है? ऑनलाइन वेबसाइटों और ऐप के रुझान का जायजा लेने वाले सिमिलर वेब के मुताबिक 20 अगस्त को व्हाट्सऐप के रोजाना सक्रिय उपयोगकर्ता 17.7 करोड़ थे जो अपने प्रतिद्वंद्वियों गूगल पे, फोन पे और पेटीएम के संयुक्त आंकड़ों से करीब पांच गुना ज्यादा है। सबसे अहम बात यह है कि प्रत्येक उपयोगकर्ताओं द्वारा मेसेंजर पर खर्च किया गया समय इस कारोबार में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी की तुलना में नौ गुना अधिक है।
बात केवल इतनी ही नहीं है बल्कि एक बड़े ग्राहक आधार के बावजूद व्हाट्सऐप का सिमिलर वेब पर आधारित औसत मासिक डाउनलोड 3.8 करोड़ है जो अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी की तुलना में दोगुना है। इसके अलावा ग्राहक दिन में सात से दस बार ऐप का इस्तेमाल करते हैं जिस दर को प्रतिद्वंद्वियों के लिए हासिल करना मुश्किल है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि संभावित ग्राहक आधार बहुत बड़ा है और इसकी सफलता यह निर्धारित करेगी कि इनमें से भुगतान विकल्प के इस्तेमाल का कितना प्रतिशत है।
दूसरे भी ऐसे अन्य क्षेत्र हैं जिनका व्हाट्सऐप लाभ उठा सकता है और सबसे महत्त्वपूर्ण रिलायंस जियो के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जियो मार्ट (फेसबुक ने जियो प्लेटफॉम्र्स में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी ली है) के साथ हुआ उसका गठजोड़ है। कुछ महीने पहले ही व्यावसायिक लॉन्च करने वाली जियो मार्ट (जिसके फिलहाल 70 लाख से अधिक सबस्क्राइबर हैं) इस गठजोड़ के जरिये व्हाट्सऐप से इस तरह जुड़ेगी कि खरीदार और 3 करोड़ से अधिक किराना दुकानें भी मैसेंजर वेबसाइट को छोड़े बगैर ही ऑर्डर बुक कर सकती हैं और उत्पादों का वितरण कर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि इन लेन-देन को व्हाट्सऐप पे के साथ जोडऩे के लिए बातचीत चल रही है। अगर ऐसा होता है तब व्हाट्सऐप पर बड़ी मात्रा में भुगतान मुहैया कराया जाएगा। बेशक कंपनी अन्य खिलाडिय़ों के साथ काम कर सकती है क्योंकि ऐसा करने के लिए किसी विशेष व्यवस्था की जरूरत नहीं है। व्हाट्सऐप विभिन्न वित्तीय सेवाओं मसलन ऋ ण, पेंशन योजनाओं, ग्रामीण क्षेत्रों में कम आमदनी वाले लोगों और छोटे तथा मध्यम स्तर के उद्यमों के लिए लक्षित बीमा पेश करने की योजना बना रहा है। हाल ही में एक वित्तीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन में बोस ने कहा कि वह एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे अग्रणी बैंकों के साथ मिलकर बैंकिंग तंत्र से बाहर के लोगों को वित्तीय सेवाएं दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा व्हाट्सऐप के बड़े ग्राहक आधार का फायदा उठाकर 3 करोड़ नए उपयोगकर्ताओं तक पहुंच गए हैं।
फिलहाल यह बीमा के लिए ज्यादा साझदारों के साथ काम कर रही है। बोस कहते हैं, ‘भारत का यूपीआई देश के डिजिटल अर्थव्यवस्था के एजेंडे को चलाने का मॉडल प्लेटफॉर्म है जिसमें स्थानीय बैंक और संस्थाएं स्थानीय स्तर पर नवाचार कर रही हैं और वे भारत के विविध उपयोगकर्ताओं की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सेवाएं देने में सक्षम हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले हैं या फिर जिनका जुड़ाव इंटरनेट की दुनिया के साथ हाल ही में हुआ है।’