टीका निर्यात पर मतभेद!

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:37 AM IST

देश में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच भारत सरकार ने टीका बनाने वाली कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और भारत बायोटेक से घरेलू आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हुए टीके की मांग पूरा करने के लिए कहा था लेकिन टीके के लिए वैश्विक साझेदारी वाली संस्था गावी ने इस कदम की आलोचना की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नेतृत्व वाले कोविड-19 टीके से जुड़े सहयोग की पहल के लिए बने कोवैक्स ने भारत सरकार के साथ बातचीत शुरू की है ताकि टीके की आपूर्ति जल्द सुनिश्चित की जा सके।
डब्ल्यूएचओ के साथ-साथ कोवैक्स पहल का नेतृत्व गावी भी कर रहा है और अपने एक बयान में इसने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ  इंडिया द्वारा तैयार किए गए कोविड-19 की खुराक के लिए आगे निर्यात लाइसेंस देने में देरी इस वजह से हुई क्योंकि भारत में कोविड-19 टीकों की मांग बढ़ी हुई है। इसमें यह भी कहा गया है कि एसआईआई ने वादा किया है कि भारत में टीके की खुराक की आपूर्ति के साथ-साथ यह समान वितरण के लिए कोवैक्स को भी प्राथमिकता देगा। कोवैक्स भारत सरकार के साथ यथाशीघ्र टीके की आपूर्ति सुनिश्चित करने के मकसद से बातचीत कर रहा है।
कोविड-19 के बढ़ते मामलों और 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने के लिए भारत सरकार ने दोनों टीका निर्माताओं से घरेलू बाजार में टीके की आपूर्ति को प्राथमिकता देने के लिए कहा है। सरकार ने पिछले हफ्ते सीरम के पास 10 करोड़ खुराक का ऑर्डर भी दिया है और इसे जल्द ही डिलिवरी की भी उम्मीद है। ऐसी जानकारी मिली है कि अप्रैल महीने में बनी कुल खुराक की आपूर्ति सीरम द्वारा भारत सरकार को की जाएगी। गावी और डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व में कोवैक्स पहल के तहत यह सुनिश्चित की जा रही है कि टीकों का एक समान वितरण हो और एसआईआई इस सहयोग सुविधा केंद्र के लिए 3 डॉलर प्रति खुराक की दर से 20 करोड़ खुराक की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मार्च और अप्रैल में निर्यात में देरी हुई है। दरअसल विदेश मंत्रालय के मुताबिक 18 मार्च के बाद किसी भी टीके का निर्यात नहीं किया गया है। कोवैक्स को मई के अंत तक कम और मध्यम आय वाले देशों को 23 करोड़ खुराक की आपूर्ति करनी थी।
डब्ल्यूएचओ ने कई बार टीके को किसी खास देश तक सीमित रखने की आलोचना की है। फरवरी में डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि टीका निर्माताओं को द्विपक्षीय सौदों के बरअक्स कोवैक्स को भी प्राथमिकता देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘आज हम देख रहे हैं कि कोवैक्स को टीके की आपूर्ति की तुलना में काफी ज्यादा द्विपक्षीय सौदे हो रहे हैं।’

First Published : March 26, 2021 | 12:34 AM IST