चिंतिन शिविर में कांग्रेस आत्ममंथन के लिए तैयार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:02 PM IST

प्रशांत किशोर और कांग्रेस में ‘व्यापक बदलाव’ लाने की उनकी योजनाएं अब धुंधली पड़ गई हैं क्योंकि इस वक्त उदयपुर में कांग्रेस प्रतिनिधियों का जमावड़ा पार्टी को फिर से नए सिरे से उभारने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए हो रहा है। निश्चित रूप से पार्टी के सामने अस्तित्व का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। दीपक भट्टी ‘चोटीवाला’ ने उत्तर प्रदेश के दादरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लडऩे के लिए काफी बहादुरी दिखाई और वह मानते हैं कि उत्तर प्रदेश के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में, उनकी पार्टी तीसरे या चौथे स्थान पर रह गई। कांग्रेस को राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से केवल दो सीटें मिलीं और करीब 97 प्रतिशत उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। लेकिन वह कहते हैं कि कांग्रेस का विचार अब भी उन लोगों के लिए एक शक्तिशाली प्रेरक शक्ति का प्रतीक है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को स्वीकार नहीं करते हैं।
मंजू भरत तोंगर हरियाणा के धारूहेड़ा की महिला सरपंच हैं। वह कहती हैं, ‘हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस ने लगभग सरकार बना हीं ली थी (भाजपा को दुष्यंत चौटाला की ‘जनता जननायक पार्टी’ (जेजेपी) से संपर्क साधना पड़ा था जब वह 46 के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी थी) इसकी वजह संभवत: यह थी कि हम सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे।’ वह भारतीय युवा कांग्रेस की सदस्य हैं और पिछले महीने हरियाणा सरकार को, हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम, 2003 के नियम 134ए को रद्द करने के लिए मजबूर कर दिया गया था। यह निजी स्कूलों (कक्षा 2 से 12वीं) में 25 प्रतिशत सीटें, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित होने से संबंधित है जिसे भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने पेश किया गया था। लेकिन बाद में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में आई तब इसे घटाकर 10 प्रतिशत तक कर दिया गया था। वह कहती हैं, ‘हमने इसे हासिल किया क्योंकि हमने तब तक आंदोलन जारी रखा जब तक कि सरकार अपनी हार मानने के लिए मजबूर नहीं हो गई।’ उनका कहना है कि वह सात साल से सरपंच हैं क्योंकि हरियाणा में कोई स्थानीय चुनाव नहीं हुआ है। वह कहती हैं, ‘महिलाएं मेरे पास आती हैं और कहती हैं, हम आपको पसंद करते हैं लेकिन ‘देश बचाना है।’ आखिर इस बात का क्या तर्क है?’ चोटीवाला और तोंगर दोनों इस बात से सहमत हैं कि शीर्ष स्तर की जटिलता की वजह से समस्या है। भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के नेता हैं जो भारी भीड़ जुटाने में सक्षम हो सकते हैं। लेकिन अशोक तंवर को राज्य पार्टी का प्रमुख बनाया गया क्योंकि राहुल गांधी का उनके प्रति स्नेह है। वह युवा कांग्रेस के अध्यक्ष तब थे जब राहुल युवा कांग्रेस के प्रभारी महासचिव थे। बाद में तंवर ने पार्टी छोड़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए और अब हरियाणा में आम आदमी पार्टी के संयोजक हैं। वह कहते हैं, ‘तंवर का कोई आधार नहीं हो सकता था। लेकिन उनके समर्थकों ने जेजेपी को मजबूत कर दिया। इस तरह की गलतियां हम पर भारी पड़ीं।’
हालांकि, अब चीजें बदल रही हैं। हाल ही में कांग्रेस के दो नए प्रदेश प्रमुखों की नियुक्ति की गई है, हरियाणा में उदय भान और हिमाचल प्रदेश में प्रतिभा सिंह। हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं और राज्य में युवा कांग्रेस की सदस्य शिवी चौहान कहती हैं, ‘दोनों सही निर्णय हैं।’
ये तीनों ही कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए राहुल गांधी के विचारों के प्रबल समर्थक हैं। चौहान का कहना है कि वह हिमाचल में किसानों के एक ऐसे परिवार से आते हैं जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। चोटीवाला भी पूरी तरह से गैर-राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह कहते हैं, ‘अगर राहुल गांधी ने हमें नहीं देखा होता तो हमें कौन मौका देता?’
कांग्रेस को फिर से मजबूत बनाने के लिए प्रशांत किशोर द्वारा निर्धारित दो प्रमुख बातों के मजबूत खंडन के लिए मंच तैयार है: मसलन गांधी परिवार निर्णय लेने से खुद को अलग कर ले और कांग्रेस अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन पर विचार करे भले ही भले ही इसका अर्थ यह है कि पार्टी की अपनी ताकत कम हो।
प्रस्तावों का मसौदा तैयार करने का काम करने वाले समूह पहले ही उदयपुर आ चुके हैं और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। वे इस बात को लेकर पूरी तरह जागरूक हैं कि चिंतन शिविर से पार्टी फिर से मजबूत होगी या टूटेगी। सोनिया गांधी शुक्रवार को सभा को संबोधित कर कार्यवाही शुरू करेंगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या ‘राहुल लाओ, देश बचाओ’ के नारे के साथ इस शिविर का समापन होगा?
आंध्र प्रदेश के एक प्रतिनिधि कहते हैं, ‘शायद ऐसा हो भी सकता है।’ लेकिन प्रशांत किशोर को निश्चित रूप से अस्वीकार कर दिया जाएगा।

First Published : May 13, 2022 | 12:35 AM IST