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राष्ट्रीय संप्रभुता बनाए रखने में फिलिपींस का समर्थन: एस. जयशंकर

जयशंकर ने मनीला में फिलिपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये टिप्पणियां कीं।

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भाषा   
Last Updated- March 26, 2024 | 11:07 PM IST

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ फिलिपींस के विवाद के बीच मंगलवार को कहा कि अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने में दक्षिणपूर्व एशियाई देश का भारत दृढ़ता से समर्थन करता है और वह रक्षा एवं सुरक्षा समेत सहयोग के नए क्षेत्रों में संभावनाएं तलाशना चाहता है। जयशंकर ने मनीला में फिलिपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ये टिप्पणियां कीं।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ फिलिपींस के मंत्री मनालो के साथ सार्थक मुलाकात हुई। राजनीति, रक्षा, सुरक्षा व समुद्री सहयोग, व्यापार व निवेश, बुनियादी ढांचा, विकास सहयोग, शिक्षा, डिजिटल, प्रौद्योगिकी, संस्कृति तथा दूतावास संबंधी क्षेत्रों में संबंध मजबूत बनाने पर व्यापक चर्चा हुई।’

उन्होंने हिंद-प्रशांत, दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान), पश्चिम एशिया, यूक्रेन, गुट निरपेक्ष आंदोलन तथा संयुक्त राष्ट्र समेत वैश्विक, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार साझा किए। जयशंकर ने कहा, ‘चूंकि दोनों लोकतंत्र नियम आधारित व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं, लिहाजा हमारा सहयोग गहरा बनाने के लिए उत्साहित हूं।’

मनालो के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा ‘मैं इस अवसर पर दृढ़ता के साथ दोहराना चाहता हूं कि भारत राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने में फिलिपींस का समर्थन करता है।’ उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया के साथ यह आवश्यक है कि भारत और फिलिपींस उभरते विश्व को आकार देने में अधिक निकटता से सहयोग करें। विदेश मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि प्रत्येक देश को अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने का अधिकार है।

उन्होंने कहा, ‘हमने इस पर भी चर्चा की है।’ जयशंकर ने कहा कि हाल में भारत और फिलिपींस के बीच द्विपक्षीय संबंधों में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दक्षिण चीन सागर में घटनाक्रम के बीच फिलिपींस के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की भारत की योजनाओं पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘आपको उस सहयोग को उसकी खूबियों के आधार पर देखने की जरूरत है।

यह जरूरी नहीं है कि इसका संबंध किसी खास स्थिति से है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन आज यह स्वाभाविक है कि जब दो देशों के बीच यह विश्वास तेजी से बढ़ रहा है, लिहाजा हम सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों की संभावनाओं को तलाश करेंगे। और निश्चित तौर पर रक्षा तथा सुरक्षा उनमें से एक है।’

First Published : March 26, 2024 | 11:07 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)