US President Donald Trump and Indian Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) से बातचीत में साफ किया कि भारत अपने आंतरिक मामलों में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता। यह जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बुधवार को दी।
मिसरी के अनुसार, ट्रंप ने मोदी से पूछा था कि क्या वह कनाडा दौरे से लौटते समय अमेरिका आ सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ने पहले से तय कार्यक्रमों का हवाला देते हुए असमर्थता जताई।
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इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी संघर्ष को रोकने के लिए न तो किसी मध्यस्थता और न ही किसी व्यापारिक समझौते पर सहमति दी है।
प्रधानमंत्री ने ट्रंप को क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का आमंत्रण भी दिया।
भारत-पाक विवाद
भारत द्वारा 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचों पर की गई सैन्य कार्रवाई के बाद हालात काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी बीच एक अहम स्पष्टीकरण सामने आया है।
9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया और चेतावनी दी कि पाकिस्तान एक बड़ा हमला कर सकता है। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि अगर पाकिस्तान कोई हमला करता है, तो भारत उससे कहीं ज्यादा ताकत के साथ जवाब देगा। उसी रात, यानी 9 और 10 मई की दरमियानी रात, भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की सैन्य संपत्तियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया और उसके एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया।
भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने सैन्य चैनलों के जरिये संपर्क कर युद्धविराम की मांग की। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट कर दिया कि इस पूरे मामले में कभी भी अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए जो भी समन्वय हुआ, वह सिर्फ भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों के बीच सीधे संपर्क के माध्यम से हुआ। इस दौरान न तो अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर कोई बातचीत हुई और न ही किसी तीसरे पक्ष की भूमिका रही।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जी7 शिखर सम्मेलन के मौके पर एक बैठक तय थी। लेकिन ट्रंप के समय से पहले अमेरिका लौट जाने के कारण यह बैठक रद्द कर दी गई। इसके बाद बुधवार को ट्रंप के अनुरोध पर दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई।
ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए संघर्षविराम का श्रेय खुद को दिया है। उन्होंने कहा है कि वॉशिंगटन की बातचीत और व्यापार से जुड़ी रणनीति की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ और तुरंत संघर्षविराम लागू किया जा सका।