PM Modi and Russian President Vladimir Putin
Modi-Putin Meeting: चीन के तिआनजिन शहर में चल रहे शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इस दो दिवसीय सम्मेलन में 20 से ज्यादा देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। चर्चा का मुख्य फोकस सुरक्षा चुनौतियों, वित्तीय ढांचे को मजबूत करने और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने पर है।
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि कठिन समय में भारत और रूस हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरे लोगों से लोगों के रिश्ते वैश्विक स्थिरता के लिए बेहद अहम हैं। मोदी ने बताया कि दोनों देशों के बीच लगातार होने वाली उच्च-स्तरीय बैठकें खास साझेदारी की गहराई को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय दिसंबर में होने वाले 23वें शिखर सम्मेलन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
यूक्रेन युद्ध पर शांति की अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय बातचीत के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर चिंता जताई और जल्द समाधान की उम्मीद जताई। उन्होंने हाल में हुए शांति प्रयासों का स्वागत करते हुए सभी पक्षों से रचनात्मक रवैया अपनाने और स्थायी शांति की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की।
पुतिन ने बताया ‘प्रिय मित्र’
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए उन्हें अपना “प्रिय मित्र” कहा। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के रिश्ते तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और SCO ऐसा मंच है जो ग्लोबल साउथ और ईस्ट को एकजुट करता है। पुतिन ने भारत-रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की 15वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए भरोसा जताया कि यह मुलाकात दोनों देशों के बहुआयामी रिश्तों को और मजबूत करेगी।
पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर वे बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि SCO ऐसा मंच है, जो ग्लोबल साउथ और पूर्वी देशों को एकजुट करता है।
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रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि 21 दिसंबर 2025 को भारत और रूस के रिश्तों को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक पहुंचाए जाने के 15 साल पूरे हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बहुआयामी रिश्ते हैं और आज की बैठक से इन संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है।
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं और आने वाले समय में यह साझेदारी और मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के सत्र में भारत की ओर से अपना बयान दिया। अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ निष्पक्ष और सामूहिक कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि दीर्घकालिक शांति और स्थिरता के लिए आतंकवाद को बिना किसी भेदभाव के रोकना जरूरी है।
मोदी ने साफ शब्दों में कहा, “हमें मिलकर यह संदेश देना होगा कि आतंकवाद पर कोई दोहरे मानदंड स्वीकार्य नहीं हैं।” उन्होंने याद दिलाया कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है और हाल ही में पहलगाम में हुए हमले ने इसकी भयावहता को दिखाया है। उन्होंने उन देशों का आभार जताया जिन्होंने इस कठिन समय में भारत का साथ दिया।
पीएम मोदी ने SCO में भारत की नीति को तीन स्तंभों—सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर—पर आधारित बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश या समाज तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। मोदी ने कहा, “सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी विकास की नींव हैं, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इन सबसे बड़ी बाधाएं हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत ने अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व किया है। साथ ही, आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ भी भारत ने लगातार आवाज उठाई है।
इससे पहले पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का स्वागत करने और उज्बेकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देने के लिए धन्यवाद दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी इस शिखर सम्मेलन में मौजूद थे।