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जयशंकर ने की म्यांमार के विदेश मंत्री से मुलाकात, भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग पर चर्चा

भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। राजमार्ग परियोजना मणिपुर के मोरेह को म्यांमार के जरिए थाईलैंड के माए सॉट से जोड़ेगी।

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भाषा   
Last Updated- July 16, 2023 | 1:50 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार के विदेश मंत्री थान स्वे के साथ रविवार को बैठक की और विभिन्न परियोजनाओं खासतौर पर भारत-म्यांमा-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग का काम तेजी से पूरा करने पर चर्चा के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।

भारत-म्यांमार-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का काम तेजी से निपटाने की जरूरत

जयशंकर इंडोनेशिया की यात्रा के बाद शनिवार को यहां आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे थे। उन्होंने मेकोंग गंगा सहयोग (MGC) तंत्र की बैठक से इतर म्यांमार के विदेश मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमारी बातचीत संपर्क पहलों पर केन्द्रित रही, जिसका वृहद क्षेत्रीय महत्व है। दोपहर के समय MGC की बैठक के दौरान भी इन पर चर्चा होगी। विशेष रूप से भारत-म्यांमार-थाइलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना सहित अन्य परियोजनाओं का काम तेजी से निपटाने की जरूरत पर जोर दिया जिन्होंने अतीत में चुनौतियों का सामना किया है।’

1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग से तीनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा

जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि म्यांमार की स्थिति के कारण भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग एक बहुत कठिन परियोजना रही है और इसे फिर से शुरू करने के तरीके ढूंढ़ना सरकार की प्राथमिकता है। भारत, थाईलैंड और म्यांमार लगभग 1,400 किलोमीटर लंबे राजमार्ग पर काम कर रहे हैं, जो तीनों देशों को जमीन के जरिए दक्षिण-पूर्वी एशिया से जोड़ेगा और तीनों देशों के बीच व्यापार, कारोबार, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन संबंधों को बढ़ावा देगा।

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भारत-म्यांमार-थाईलैंड का 70 प्रतिशत काम पूरा

भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना का 70 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। यह रणनीतिक राजमार्ग परियोजना मणिपुर के मोरेह को म्यांमार के जरिए थाईलैंड के माए सॉट से जोड़ेगी। इस परियोजना में देरी हुई है। सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2019 तक राजमार्ग से परिचालन शुरू करने का था।

सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता आवश्यक

थान स्वे के साथ बातचीत में जयशंकर ने सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया और कहा कि ‘हाल में इनमें काफी अशांति रही है तथा हालात खराब करने वाली किसी भी स्थिति से बचना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मानव तथा मादक पदार्थों की तस्करी पर चिंता व्यक्त की। तस्करी के शिकार लोगों की जल्द वापसी के लिए संबंधित पक्षों से मजबूत सहयोग की अपील की।’

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भारत लोकतांत्रिक परिवर्तन प्रक्रिया में रखता है विश्वास

जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते भारत, म्यांमार में मानवीय स्थिति को लेकर चिंतित है। उन्होंने चुनौतियों से निपटने के लिए जनकेन्द्रित पहल का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, ‘म्यांमार में भारत लोकतांत्रिक परिवर्तन प्रक्रिया का समर्थन करता है तथा शांति एवं स्थायित्व की जरूरत को रेखांकित करता है। हम इस संबंध में आसियान के साथ अपनी नीति को लेकर करीबी समन्वय करेंगे।’

First Published : July 16, 2023 | 1:50 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)