इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (दाएं) व्हाइट हाउस के ब्लू रूम में एक बैठक के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक फोल्डर सौंपते हुए। (फोटो: पीटीआई)
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को 2026 नोबेल शांति पुरस्कार (2026 Nobel Peace Prize) के लिए दूसरा नॉमिनेशन मिला है। इस बार इजराइल के ट्रंप को नॉमिनेट किया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu ) ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को बताया कि वह उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर रहे हैं। ट्रंप और नेतन्याहू ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हाल में किए गए संयुक्त हमलों को पूर्ण रूप से सफल करार देते हुए सोमवार को जीत का जश्न मनाया। इससे पहले, पाकिस्तान की तरफ से भी ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने के लिए नॉमिनेशन आ चुका है।
दोनों नेताओं ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई को चिह्नित करने और गाजा में 21 महीने से जारी युद्ध रोकने के लिए 60 दिन के संघर्षविराम प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ रात्रि भोज किया।
नेतन्याहू ने नोबेल समिति को सौंपे जाने वाला नामांकन पत्र ट्रंप को देते हुए कहा, ‘‘हम जब बात कर रहे हैं, तो वह (ट्रंप) एक के बाद एक देश और क्षेत्र में शांति स्थापित कर रहे हैं।’’ यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब इजराइली नेता नेतन्याहू, ट्रंप और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों पर ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने का वर्षों से दबाव डालते रहे हैं। ट्रंप ने अमेरिकी सेना को तीन प्रमुख ईरानी परमाणु स्थलों पर बम गिराने और ‘टॉमहॉक’ मिसाइल की बौछार करने का आदेश दिया था। नेतन्याहू की ‘व्हाइट हाउस’ की इस साल तीसरी यात्रा है।
दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की कि ‘‘ईरान में उनकी सफलता’’ पश्चिम एशिया में एक नए युग की शुरुआत करेगी। ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पश्चिम एशिया में चीजें बहुत हद तक सुलझ जाएंगी।’’ उन्होंने कहा कि ईरान उसके परमारणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता फिर से शुरू करना चाहता है लेकिन ईरान ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
ट्रंप के साथ मौजूद पश्चिम एशिया मामलों के लिए अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि ईरान के साथ बैठक संभवतः एक सप्ताह में होगी। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने सोमवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा था कि अमेरिकी हवाई हमलों से उनके देश की परमाणु सुविधाओं को इतना अधिक नुकसान पहुंचा है कि ईरानी अधिकारी विनाश की समीक्षा अभी तक कर रहे हैं।
पिछले महीने पाकिस्तान की ओर से एक अलग नॉमिनेशन आया था, जिसमें ट्रम्प को उनके राष्ट्रपति पद के दौरान “भारत के साथ तनाव कम करने” का श्रेय दिया गया था। नई दिल्ली ने लगातार ट्रंप की भागीदारी से इनकार किया है, क्योंकि भारत पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों में किसी भी तरह के तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के खिलाफ है।
इस ऐलान के कुछ दिनों के भीतर, कई पाकिस्तानी राजनेताओं ने सरकार से ईरानी परमाणु बुनियादी ढांचे पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद नॉमिनेशन पर दोबारा से विचार करने की बात कही। हालांकि, उप प्रधान मंत्री इशाक डार द्वारा हस्ताक्षरित नॉमिनेशन लेटर पहले ही नोबेल शांति पुरस्कार समिति को सौंप दिया गया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)