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Iran-Israel War: ईरान ने इजरायल पर दागीं सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें, टकराव बढ़ा

Iran-Israel War: ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान से दागी गई कई मिसाइलें इजरायली शहरों की ओर भेजी गईं।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 14, 2025 | 8:58 AM IST

ईरान ने इजरायल के खिलाफ सीधे तौर पर बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। यह हमला ऐसे वक्त हुआ जब इजरायल ने ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को मार गिराया और उसके अहम सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाया था।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान से दागी गई कई मिसाइलें इजरायली शहरों की ओर भेजी गईं। तेल अवीव और यरुशलम में धमाकों की तस्वीरें सामने आई हैं। हालांकि, इजरायल ने कहा कि उसने कई मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया। अमेरिकी सेना ने भी इन हमलों को रोकने में मदद की।

हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल देखा गया। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड के दाम 7% तक बढ़ गए, जो मार्च 2022 के बाद सबसे बड़ी तेजी है। वहीं, सोने और डॉलर की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई, जबकि अमेरिका का एसएंडपी 500 इंडेक्स एक फीसदी से ज्यादा गिर गया।

ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक रिकॉर्डेड वीडियो संदेश में कहा कि ईरान “ताकत के साथ जवाब देगा।” इस बयान को ईरानी मिसाइल हमले के बाद जारी किया गया।

इस बार ईरान की प्रतिक्रिया बेहद तेज और तीव्र थी, जबकि पहले दोनों देशों के बीच हमलों के बाद कुछ नरमी देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार इजरायल ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान कई हफ्तों तक चल सकता है।

ईरान के लिए यह अस्तित्व का सवाल बन गया है। इजरायल की कार्रवाई ने ईरान की कमजोरियों को उजागर किया है—उसके कई बड़े सैन्य कमांडर मारे गए हैं और उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है।

ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, संभावित जवाबी हमले की आशंका में ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को फिर से सक्रिय कर दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने बताया कि इजरायल ने फोर्दो और इस्फहान स्थित ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।

अगर इस्फहान का परमाणु केंद्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होता है, तो ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि यह हमला कूटनीतिक प्रयासों को पटरी से उतार सकता है। इस बीच, अमेरिका और ईरान के बीच होने वाली अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ताओं का छठा दौर रविवार को प्रस्तावित है।

G7 देशों के नेता कनाडा में इकट्ठा हो रहे हैं और इस घटना के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है कि क्या अमेरिका इस मामले में सीधी भूमिका निभाएगा।

इस क्षेत्र में तेल और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के व्यापार पर गहरा असर पड़ सकता है, जिससे वैश्विक व्यापार और महंगाई पर दबाव बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कुछ टीवी चैनलों को संक्षिप्त इंटरव्यू दिए।

ट्रंप शनिवार को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर वह अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक सैन्य परेड आयोजित करने वाले हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर ईरान को चेतावनी दी है कि वह “बहुत देर होने से पहले समझौता कर ले”।

इधर, शनिवार को ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष में दोनों पक्षों को हुए नुकसान की तस्वीरें सामने आने लगी हैं।

इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान में लगभग 100 ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिसमें 200 से अधिक लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। ईरानी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में तेहरान के उपनगरों में कई रिहायशी इमारतें प्रभावित हुईं और करीब 95 लोग घायल हुए हैं। ईरान में संयुक्त राष्ट्र के लिए उसके राजदूत ने जानकारी दी कि इस हमले में 78 लोगों की मौत हुई है। वहीं इजरायल पुलिस के अनुसार, तेल अवीव क्षेत्र में एक महिला की भी जान गई है।

संघर्ष के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई।

अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह इजरायल के शुरुआती हमले में शामिल नहीं था, लेकिन उसने ईरान को चेतावनी दी है कि वह अमेरिकी सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करे। हालांकि, इजरायल की हवाई रक्षा में अमेरिका की मदद पहले से ही एक आम प्रक्रिया रही है, लेकिन इस तनावपूर्ण माहौल में अमेरिका का अगला कदम बेहद अहम माना जा रहा है।

First Published : June 14, 2025 | 8:49 AM IST