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G20 New Delhi Declaration: घोषणा में यूक्रेन युद्ध पर यूं बना संतुलन

संयुक्त बयान में रूस की चिंता को ध्यान में रखा गया। इसमें लिखा गया है, ‘विश्व में चल रहे टकराव व जंग के विपरीत असर और इससे मानवों को हो रही पीड़ा को लेकर हम चिंतित हैं।’

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असित रंजन मिश्र   
Last Updated- September 10, 2023 | 10:10 PM IST

भारत ने तय समय से एक दिन पहले जी20 के नेताओं की नई दिल्ली घोषणा पेश कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है, क्योंकि यह उम्मीद की जा रही थी कि यूक्रेन युद्ध पर मतभेदों के कारण आम सहमति नहीं बन सकेगी।

बहरहाल 100 प्रतिशत आम राय पर एक संयुक्त बयान जारी हुआ, जिसे हर देश की आपत्तियों के बेहतरीन संतुलन के साथ 200 घंटे की बातचीत के बाद तैयार किया गया था। रूसी पक्ष ने शिकायत की थी कि सिर्फ यूक्रेन युद्ध को नहीं लिया जाना चाहिए जबकि विश्व में तमाम टकराव और भी चल रहे हैं, जिनका वैश्विक असर है।

संयुक्त बयान में रूस की चिंता को ध्यान में रखा गया। इसमें लिखा गया है, ‘विश्व में चल रहे टकराव व जंग के विपरीत असर और इससे मानवों को हो रही पीड़ा को लेकर हम चिंतित हैं।’

नई दिल्ली घोषणा में युद्ध के संदर्भ में रूस के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है, वहीं पिछले साल बाली घोषणा में रूस के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की जगह यूक्रेन में युद्ध शब्द के इस्तेमाल को रूस के लिए एक और उपहार माना जा सकता है। अमेरिका के नेतृत्व वाला जी7 समूह यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा चाहता था।

बहरहाल बहुत शुरुआत से ही भारत ने रुख साफ कर रखा था कि वह सिर्फ विकास के मसले पर केंद्रित रहना चाहता है और युद्ध का मसला उसकी प्राथमिकता में नहीं है।

अमेरिका की चिंता परमाणु अस्त्रों के खतरे को लेकर थी, जिसे घोषणा में समायोजित कर लिया गया। घोषणा में कहा गया है, ‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता व राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल प्रयोग से बचना चाहिए। परमाणु हथियारों का उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है।’

First Published : September 10, 2023 | 10:10 PM IST