अंतरराष्ट्रीय

भारत-यूएई के बीच चार महत्वपूर्ण समझौते, ऊर्जा और खाद्य प्रसंस्करण में बढ़ी रणनीतिक साझेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच हुई वार्ता

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- September 09, 2024 | 11:02 PM IST

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऊर्जा और खाद्य प्रसंस्करण समेत चार क्षेत्रो में समझौते हुए। अबू धाबी के वली अहद (युवराज) शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान तीन दिन के भारत दौरे पर आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अल नाहयान के साथ समग्र रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक वार्ता की। अल नाहयान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिले और राजघाट ​​स्थित महात्मा गांधी के समा​धि स्थल पर भी गए। प्रिंस मंगलवार को मुंबई जाएंगे।

अबू धाबी नैशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति के लिए एक समझौता किया गया। इसके अलावा एडीएनओसी और इंडिया स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के बीच भी करार हुआ।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी (ईएनईसी) और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने भी बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र के संचालन और रखरखाव के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। चौथा समझौता अबू धाबी तटवर्ती ब्लॉक-वन के लिए ऊर्जा भारत और एडीएनओसी के बीच उत्पादन रियायत समझौता है। भारत में फूड पार्क स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंट होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच एक अलग समझौता किया गया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि मोदी और युवराज अल नाहयान ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने के उद्देश्य से भारत और यूएई के बीच बहुआयामी संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारत-यूएई संबंधों में शानदार प्रगति हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की।’

जायसवाल ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने बहुआयामी भारत-यूएई संबंधों और नए एवं उभरते क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने के अवसरों पर चर्चा की।’ नाहयान अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को नई दिल्ली पहुंचे।

मोदी से बातचीत के बाद शाह ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। जायसवाल ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘उनकी शिक्षाएं हमें प्रेरित करती रहती हैं। हम यूएई के साथ अपनी दोस्ती को मजबूत कर रहे हैं।’ समझा जाता है कि अपनी बातचीत के दौरान मोदी और अल नाहयान ने गाजा में स्थिति सहित वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया।

भारत-यूएई संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगाढ़ता आई है। अगस्त 2015 में मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था। दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये और दिरहम (संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से हैं। 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यूएई, भारत में शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है। यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं।

पिछले साल भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 समूह के लिए विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में यूएई को आमंत्रित किया गया था। फरवरी 2023 में भारत-यूएई-फ्रांस (यूएफआई) त्रिपक्षीय रूपरेखा को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। भारत के सक्रिय समर्थन के साथ, यूएई मई 2023 में एससीओ में संवाद भागीदार के रूप में शामिल हुआ।

(साथ में एजेंसियां)

First Published : September 9, 2024 | 11:02 PM IST