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सूडान से रुपये में कारोबार पर जोर

Last Updated- December 11, 2022 | 1:42 PM IST

रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की कवायद के तहत भारत ने सूडान के साथ रुपये में कारोबार करने पर जोर दिया है। एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने विदेश मंत्रालय के माध्यम से सूडान से इस सिलसिले में संपर्क किया है और अपना प्रस्ताव रखा है। इसके बारे में सूडान को अभी फैसला करना है।’
अगर यह हो पाता है तो भारत इस अफ्रीकी देश से कच्चा तेल लाने व रुपये में उसका भुगतान करने में सक्षम होगा। अधिकारी ने कहा कि इससे निर्यात को बढ़ावा मिल सकता है और विदेशी मुद्रा भंडार बचाया जा सकता है, जो अभी दबाव में है।
सूडान में भारत के राजदूत बीएस मुबारक और दोनों देशों के बैंकों के प्रमुख सदस्यों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को लेकर पिछले महीने चर्चा की थी। भारत और सूडान के बैंकों ने इसके तरीके पर चर्चा करने के बाद फैसला किया कि बैंकिंग संबंध बढ़ाने की संभावना तलाशने के साथ दोनों देशों के बीच विशेष रुपये वोस्त्रो खादा खोलने की संभावना तलाशी जाएगी।
सूडान भारत का 75वां बड़ा कारोबारी साझेदार है। दोनों देशों के बीच कुल कारोबार 1.21 अरब डॉलर का है, जबकि 2021-22 के दौरान भारत का कुल कारोबार 1 लाख करोड़ रुपये का था। भारत ने 1.07 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के दौरान किया है, जबकि आयात सिर्फ 12.9 करोड़ डॉलर का रहा है।
भारत प्राथमिक रूप से खाद्य वस्तुओं, पेट्रोलियम, विनिर्मित वस्तुओं, मशीनरी और उपकरण, रसायन, दवाओं और टेक्सटाइल का निर्यात सूडान को करता है। वहीं सूडान से तिल, कपास, तरबूज के बीज, खाल और मूंगफली का आयात किया जाता है। भारत इस समय अफ्रीकी देश से तेल का आयात नहीं करता है।
जुलाई में रिजर्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय लेनदेन रुपये में करने की व्यवस्था दी थी, जिससे वैश्विक कारोबार को बढ़ावा मिल सके, जिसमें भारत से निर्यात पर जोर है। सबसे अहम है कि इस कदम से रुपये को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में पहचान मिलेगी। येस बैंक जैसे कुछ बैंक रूस जैसे देशों के साथ रुपये में कामकाज की व्यवस्था बनाने में लगे हैं। 

First Published - October 14, 2022 | 10:47 PM IST

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