facebookmetapixel
दूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशानाइक्जिगो बना रहा एआई-फर्स्ट प्लेटफॉर्म, महानगरों के बाहर के यात्रियों की यात्रा जरूरतों को करेगा पूरासेल्सफोर्स का लक्ष्य जून 2026 तक भारत में 1 लाख युवाओं को एआई कौशल से लैस करनाअवसाद रोधी दवा के साथ चीन पहुंची जाइडस लाइफसाइंसेजQ2 Results: ओएनजीसी के मुनाफे पर पड़ी 18% की चोट, जानें कैसा रहा अन्य कंपनियों का रिजल्टअक्टूबर में स्मार्टफोन निर्यात रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर, FY26 में 50% की ग्रोथसुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीदछोटी SIP की पेशकश में तकनीकी बाधा, फंड हाउस की रुचि सीमित: AMFI

आर्थिक सहयोग देने में विफल रहे विकसित देश : यादव

Last Updated- December 11, 2022 | 11:49 PM IST

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ग्लासगो में 26वें अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन सीओपी26 में कहा कि विकसित राष्ट्र 2009 से विकासशील देशों को प्रति वर्ष 100 अरब अमेरिकी डॉलर के सहयोग के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद अब भी इसे 2025 तक का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य बता रहे हैं।
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि दुनिया विनाश के कगार पर खड़ी है। जॉनसन ने गर्म होती धरती की स्थिति की तुलना काल्पनिक किरदार जेम्स बांड से की जिस पर एक ऐसा बम लिपटा हुआ है जो दुनिया का विनाश कर सकता है तथा बांड उसे निष्क्रिय करने का प्रयास कर रहा है। जॉनसन ने सोमवार को वैश्विक नेताओं के सामने कहा कि हम लगभग वैसी ही स्थिति में हैं और दुनिया को समाप्त कर देने वाला बम काल्पनिक नहीं, वास्तविक है।
भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे यादव ने ब्रिटेन के ग्लासगो में रविवार को शुरू हुए जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) सीओपी26 के उद्घाटन सत्र में अपने बेसिक भाषण के दौरान आर्थिक सहयोग न देने की बात कही। बेसिक देश 4 बड़े नए औद्योगीकृत देशों ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत और चीन का एक समूह है, जिसका गठन नवंबर 2009 में एक समझौते के तहत किया गया था। मंत्री ने ट्वीट किया, ‘सीओपी26 के उद्घाटन सत्र में अपने बयान में रेखांकित किया कि विकसित राष्ट्र 2009 के बाद से विकासशील देशों को सहयोग के लिए प्रति वर्ष 100 अरब अमेरिकी डॉलर देने के लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहने के बावजूद इसे अपना 2025 तक का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य बता रहे हैं। 

First Published - November 1, 2021 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट