Swiss Bank: बीते साल 2023 में स्विस बैंकों में जमा भारतीयों और भारत की कंपनियों का पैसा काफी घट गया है। एक साल में इसमें 70 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद जमा रकम चार साल के निचले स्तर 9,771 करोड़ रुपये यानी 1.04 अरब स्विस फ्रैंक पर आ गई। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को यह डेटा जारी किया।
स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों की कुल जमा में लगातार दूसरे वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। 2021 में 14 साल के उच्चतम CHF 3.83 अरब को छूने के बाद, यह गिरावट मुख्य रूप से बॉन्ड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से रखी गए फंड में तेज गिरावट के कारण आई।
इसके अलावा, भारत में ग्राहक जमा खातों और अन्य बैंक शाखाओं के माध्यम से रखी गई धनराशि में भी काफी गिरावट आई है।
ये बैंकों द्वारा स्विस नेशनल बैंक (SNB) को बताए गए ऑफिशियल आंकड़े हैं और स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए बहुचर्चित कथित काले धन की मात्रा का संकेत नहीं देते हैं। इन आंकड़ों में वह पैसा भी शामिल नहीं है जो भारतीयों, NRI या अन्य लोगों के पास तीसरे देश की संस्थाओं के नाम पर स्विस बैंकों में रखा हो सकता है।
Also read: Unsecured loan पर कार्रवाई न करने से पैदा हो सकती है बड़ी समस्या: RBI गवर्नर
SNB द्वारा 2023 के अंत में स्विस बैंकों की ‘कुल देनदारियों’ या उनके भारतीय ग्राहकों को ‘बकाया राशियों’ के रूप में 103.98 करोड़ स्विस फ्रैंक बताए गए हैं। इनमें ग्राहक जमा में 31 करोड़ स्विस फ्रैंक (2022 के अंत में 39.4 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम), अन्य बैंकों के माध्यम से रखे गए 42.7 करोड़ स्विस फ्रैंक (111 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम), न्यासों या ट्रस्टों के माध्यम से एक करोड़ स्विस फ्रैंक (2.4 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम) और बॉन्ड, प्रतिभूतियों और विभिन्न अन्य वित्तीय साधनों के रूप में ग्राहकों को देय अन्य राशियों के रूप में 30.2 करोड़ स्विस फ्रैंक (189.6 करोड़ स्विस फ्रैंक से कम) शामिल हैं।
SNB के आंकड़ों के अनुसार, 2006 में कुल राशि लगभग 6.5 अरब स्विस फ्रैंक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर थी। इसके बाद 2011, 2013, 2017, 2020 और 2021 सहित कुछ वर्षों को छोड़कर यह ज्यादातर नीचे की ओर ही रही है।
स्विट्जरलैंड में पहले बैंक की स्थापना वर्ष 1713 में की गई थी। वर्तमान में स्विट्जरलैंड में करीब 400 से अधिक बैंक कार्य कर रहे हैं। इन बैंकों को स्विस फेडरल बैंकिंग एक्ट के गोपनीयता कानून के सेक्शन-47 के तहत बैंक अकाउंट खोलने का अधिकार है। हम जिसे स्विस बैंक कहकर बुलाते हैं, दरअसल वो UBS है, जो 1998 में यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड और स्विस बैंक कॉरपोरेशन के मर्जर के बाद अस्तित्व में आया था। स्विस बैंक की गिनती दुनिया के टॉप-3 बैंकों में की जाती है।
(PTI के इनपुट के साथ)