अंतरराष्ट्रीय

विश्व बैंक की प्रशासनिक रैंकिंग पर मुख्य आर्थिक सलाहकार का सवाल

पूरी दुनिया के प्रशासन संबंधी संकेतकों का सदस्य देशों और विशेषकर उभरते बाजारों की क्रेडिट रेटिंग पर अहम प्रभाव होता है

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- November 15, 2023 | 11:32 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि देशों के प्रशासन की रैंकिंग करने के विश्व बैंक के प्रमुख वैश्विक संकेतक विशेषज्ञ संस्थाओं की व्यक्तिपरक राय पर आधारित होते हैं, जिन्हें सदस्य देशों के संदर्भ की जानकारी नहीं होती है।

इक्रियर की ओर से 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों पर आयोजित एक सेमीनार में नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि पूरी दुनिया के प्रशासन संबंधी संकेतकों का सदस्य देशों और विशेषकर उभरते बाजारों की क्रेडिट रेटिंग पर अहम प्रभाव होता है और 3 वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के मूल्यांकन पर असर डालता है।

2022 के आंकड़ों के मुताबिक भारत का प्रशासनिक कुशलता में पर्सेंटाइल रैंक 63.2 था, जिसका मतलब यह है कि वह 63.2 प्रतिशत देशों के समान या उनसे बेहतर है। भारत की रैंक 2014 के 45.2 की तुलना में सुधरी है।

नागेश्वरन ने कहा कि जी-20 के फाइनैंस ट्रैक के तहत बहुपक्षीय विकास बैंक की भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में तैयार की गई रिपोर्ट ने जबरदस्त योगदान दिया है।

भारत की जी-20 की अध्यक्षता में पूर्व अधिकारी एनके सिंह और अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी लॉरेंस समर्स के नेतृत्व में स्वतंत्र विशेषज्ञों के समूह ने दो खंडों की रिपोर्ट दी है। इसे जी-20 देशों ने नई दिल्ली घोषणा में गंभीरता से लिया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि एमडीबी सुधार वैश्विक मौद्रिक व्यवस्था में इसी तरह के सुधारों के बिना अधूरे हैं।

First Published : November 15, 2023 | 11:24 PM IST