G7 समिट में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि रूस को फिर से G7 समूह में शामिल किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि अगर चीन को भी समूह में शामिल किया जाए तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ बैठे ट्रंप ने 2014 में रूस को G8 से बाहर करने को “बहुत बड़ी गलती” बताया। उस समय रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया गया था। ट्रंप ने कहा, “अगर रूस अभी भी G8 में होता, तो शायद आज युद्ध नहीं होता।” उन्होंने यह भी दावा किया, “अगर मैं चार साल पहले राष्ट्रपति होता, तो यह युद्ध होता ही नहीं।”
ट्रंप ने रूस को बाहर निकालने के लिए ओबामा और ‘ट्रूडो’ को ज़िम्मेदार ठहराया, जबकि सच्चाई यह है कि जब रूस को निकाला गया, तब कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो नहीं, बल्कि स्टीफन हार्पर थे। ट्रंप का ये बयान ऐसे समय आया है जब वे मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात करने वाले हैं, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा होगी।
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या चीन को भी G7 में शामिल किया जाना चाहिए, तो उन्होंने कहा, “यह कोई बुरा आइडिया नहीं है… अगर कोई चाहता है कि चीन आए, तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है।” G7 में अभी सिर्फ लोकतांत्रिक देश शामिल हैं – अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा। यूरोपीय संघ भी इसमें हिस्सा लेता है। ऐसे में ट्रंप की ये बात मौजूदा ढांचे को चुनौती देती दिखी।
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कैनेडियन प्रधानमंत्री कार्नी ने अमेरिका की लीडरशिप की तारीफ करते हुए कहा, “G7 अमेरिका के बिना दिशाहीन हो जाता है”, लेकिन ट्रंप ने कई कनाडाई सुझावों को सीधे नकारते हुए कहा, “उनके सुझाव अच्छे हैं, लेकिन मेरे सुझाव बेहतर हैं।”
व्यापार के मुद्दे पर ट्रंप ने अपनी पुरानी ‘टैरिफ नीति’ को दोहराते हुए कहा,”मैं टैरिफ वाला व्यक्ति हूं… यह आसान, साफ और सीधा है।” उनकी ये बात कनाडा के उन प्रस्तावों के विपरीत थी जिसमें सहयोग की बात की गई थी, खासकर जब अमेरिका अब भी कनाडा पर स्टील, एल्युमिनियम और ऑटोमोबाइल पर भारी टैरिफ लगाता है।
ट्रंप ने वेस्ट एशिया में बढ़ते तनाव पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ईरान यह युद्ध नहीं जीत रहा है और उसे बातचीत शुरू कर देनी चाहिए “इससे पहले कि देर हो जाए”। उन्होंने इस मौके पर इज़राइल के समर्थन को दोहराया, जो फिलहाल क्षेत्रीय संघर्षों में उलझा हुआ है। G7 के बाकी नेता जहां मिलकर शांति और स्थिरता की कोशिश कर रहे हैं, वहीं ट्रंप के बयानों से माहौल थोड़ा गर्म होता दिखा।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलाइन लेविट ने सोमवार रात कहा कि ट्रंप G7 डिनर के बाद ही अमेरिका लौट जाएंगे। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने आज G7 में बहुत अच्छा दिन बिताया, लेकिन वेस्ट एशिया में जो हो रहा है, उसके कारण वह आज रात लौट रहे हैं।”
इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोमवार को कनाडा के कैलगरी पहुंचे हैं। वे साइप्रस, क्रोएशिया और कनाडा के तीन देशों की यात्रा पर हैं। यह उनकी करीब 10 साल बाद की पहली कनाडा यात्रा है। यह दौरा भारत-कनाडा रिश्तों के लिहाज से अहम माना जा रहा है, खासकर हालिया तनाव के बाद। G7 समिट में मोदी की मौजूदगी भारत की भूमिका को और मजबूत करने का संकेत देती है।