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अमेरिका ने रूस पर लगाई पाबंदी

Last Updated- December 11, 2022 | 9:05 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पश्चिमी देशों के साथ व्यापार करने की रूस की क्षमताओं को निशाना बनाते हुए कई प्रतिबंधों की घोषणा की है। साथ ही, जोर देते हुए कहा है कि पूर्वी यूक्रेन में सैनिकों को आदेश देने का रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का फैसला ‘अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन’ है। यूक्रेन के खिलाफ रूस के कदम को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों की पहली सूची की घोषणा करते हुए बाइडन ने कहा कि अमेरिकी कार्रवाई रूस की सरकार को पश्चिमी देशों से वित्त की उपलब्धता को रोक देगी। अमेरिका ने रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों, रूसी सरकारी ऋण और रूसी संभ्रांत लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों पर प्रतिबंध लगाया है।
व्हाइट हाउस से मंगलवार को जारी एक संक्षिप्त आदेश में बाइडन ने यह घोषणा भी की थी कि वह बाल्टिक राष्ट्रों में अमेरिकी सहयोगियों को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सैनिक तथा साजो सामान भेज रहे हैं लेकिन स्पष्ट कर दिया कि वे वहां रूस से लडऩे के लिए नहीं होंगे। बाइडन ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क में रूसी सैनिक भेजने के आदेश सहित पुतिन की कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन बताया। यह दोनों क्षेत्र, पूर्व यूक्रेन में अलगाववादियों के कब्जे में हैं।
बाइडन ने कहा, ‘मेरे विचार से वह और अधिक क्षेत्र को बलपूर्वक अपने कब्जे में करने का आधार तैयार कर रहे हैं। और यदि हम बीती रात के उनके भाषण को सुनें तो वह और भी आगे बढऩे का औचित्य स्थापित कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह यूक्रेन में रूसी आक्रमण की शुरुआत है जैसा कि उन्होंने संकेत दिया है और ड्यूमा (रूसी संसद) से ऐसा करने की अनुमति मांगी।’

ब्लिंकन ने बैठक रद्द की  
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपने रूस के विदेश मंत्री के साथ होने वाली बैठक रद्द करते हुए कहा कि रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण की शुरुआत कर दी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के फॉगी बॉटम मुख्यालय में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया को, रूस को उन अपराधों के लिए दंडित करने के लिए अपनी पूरी आर्थिक शक्ति के साथ जवाब देना चाहिए, जो उसने पहले ही किए हैं या जिन्हें करने की वह योजना बना रहा है। उन्होंने कहा, ‘रूस की अर्थव्यवस्था पर कड़ा प्रहार करें।’ रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के ‘डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’ की ‘स्वतंत्रता’ को मान्यता देने के आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद क्षेत्र में तनाव और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने की आशंका बढ़ गई है। पुतिन ने रूसी सैनिकों की वहां तैनाती के आदेश भी दिए हैं, जिसे क्रेमलिन ने मॉस्को समर्थक क्षेत्र में एक ‘शांति अभियान’ करार दिया है। ब्लिंकन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यूक्रेन पर और अधिक रूसी आक्रमण जो अब शुरू हो गया है, इसका स्पष्ट अर्थ है कि कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के साथ इस सप्ताह बैठक करने का अब कोई मतलब नहीं है। दोनों नेता 24 फरवरी को यूरोप में मुलाकात करने वाले थे। विदेश मंत्री ने कहा कि जैसा कि अमेरिका ने हमेशा कहा है कि वह यूक्रेन पर हमला रोकने और चीजें बदतर स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए कुछ भी करेगा। ब्लिंकन ने आरोप लगाया कि पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण करने, यूक्रेन और उसके लोगों को नियंत्रित करने, यूक्रेन के लोकतंत्र को नष्ट करने की योजना बनाई है, जो यूक्रेन को रूस के हिस्से के रूप में पुन: प्राप्त करने का प्रयास प्रतीत होता है।

रूस ने राजनयिक कर्मचारियों को निकालना शुरू किया

रूस की सरकार संचालित समाचार एजेंसी तास ने बुधवार को कहा कि मॉस्को ने यूक्रेन स्थित अपने सभी राजनयिक प्रतिष्ठानों से कर्मियों को निकालना शुरू कर दिया है। मॉस्को का कीव में दूतावास है और खार्किव, ओडेसा तथा ल्वीव में वाणिज्य दूतावास हैं। तास की खबर में कहा गया है कि कीव में दूतावास ने पुष्टि की है कि निकासी शुरू हो गई है। वहीं, कीव में एसोसिएटेड प्रेस के एक फोटो पत्रकार ने देखा कि अब कीव में दूतावास भवन पर झंडा नहीं लहरा रहा। यूक्रेन ने भी अपने नागरिकों से रूस छोडऩे का आग्रह किया।  

रूस के खिलाफ और प्रतिबंध लगाएगा ब्रिटेन
ब्रिटेन ने बुधवार को चेताया कि यूक्रेन पर आक्रमण की स्थिति में वह रूस पर कुछ और प्रतिबंध लगाएगा। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने कहा कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा मंगलवार को संसद में पांच रूसी बैंकों और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से जुड़े तीन अरबपतियों के खिलाफ घोषित प्रतिबंध ‘गंभीर’ किस्म के हैं लेकिन कुछ और उपाय अभी ‘सुरक्षित’ रखे गए हैं। रूस समर्थित अलगाववादियों के कब्जे वाले यूक्रेन के दो क्षेत्रों में रूसी सैनिकों को भेजने के पुतिन के फैसले के बाद ब्रिटेन भी उन देशों में शामिल हो गया जिसने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। ट्रूस ने कहा, ‘हम अमेरिका, यूरोप के साथ समन्वय से प्रतिबंध लगा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि पुतिन हमारे सहयोगियों के बीच ‘फूट डालो और राज करो’ का हथकंडा नहीं अपना सकें।’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने दिखाया है कि हम एकजुट हैं और आक्रमण की स्थिति में प्रतिबंध और बढ़ाएंगे।’ जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने बाल्टिक सागर के जरिये नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन की मंजूरी को रोकने के निर्णय की घोषणा की। दस अरब यूरो की इस बृहद परियोजना के तहत रूस को यूरोप को अधिक प्राकृतिक गैस बेचने की अनुमति मिलने की उम्मीद थी। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ (ईयू) में शामिल देशों ने भी रूसी अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने के लिए कई तरह के प्रतिबंधों की घोषणा की है। ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने यूक्रेन का समर्थन करने और रूसी आक्रमण से उत्पन्न आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए यूक्रेन को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक के ऋण की गारंटी पर ब्रिटेन की प्रतिबद्धता को दोहराया।

First Published - February 23, 2022 | 10:57 PM IST

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