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10 परमाणु बम बनाने बराबर यूरेनियम गायब! ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका ने जताई चिंता

US Iran uranium: अब अमेरिका-ईरान में होगी सीधी बातचीत, IAEA ने तुरंत निरीक्षण की मांग की

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 25, 2025 | 10:46 AM IST

पिछले हफ्ते अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर ठिकानों पर की गई एयरस्ट्राइक के बाद अब एक नई चिंता सामने आई है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बताया कि करीब 400 किलो हाईली एनरिच्ड यूरेनियम जो कि 10 परमाणु बम बनाने के लिए काफी है गायब हो चुका है। यह यूरेनियम 60% तक एनरिच्ड था और हमले से पहले ही ईरान के विभिन्न ठिकानों से हटा लिया गया था। वेंस ने ABC न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा, “हम आने वाले हफ्तों में ईरान से इस यूरेनियम के बारे में बातचीत करेंगे। हम चाहते हैं कि इसे लेकर कुछ ठोस किया जाए।”

वेंस ने माना कि Fordow न्यूक्लियर साइट को ऑपरेशन का मुख्य निशाना बनाया गया था। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि साइट को काफी नुकसान हुआ है या पूरी तरह तबाह कर दिया गया है लेकिन वो 100% पक्के नहीं हैं। इससे पहले सेटेलाइट इमेज में दिखा था कि Fordow साइट के बाहर 16 ट्रकों का काफिला खड़ा था, जो हमले से पहले निकल गया। अमेरिकी और इजरायली खुफिया एजेंसियों को शक है कि यूरेनियम और रिसर्च से जुड़ी चीजें इस्फहान के पास किसी अन्य अंडरग्राउंड साइट पर शिफ्ट की गई हैं।

IAEA ने फिर से इंस्पेक्शन की मांग की

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के चीफ राफेल ग्रोसी ने पुष्टि की कि हमले से एक हफ्ता पहले साइट का निरीक्षण हुआ था। उन्होंने UN सुरक्षा परिषद से अपील की है कि IAEA को तुरंत निरीक्षण की अनुमति दी जाए। ग्रोसी ने चेतावनी दी कि अगर तनाव बढ़ता रहा, तो राजनयिक समाधान की संभावना खत्म हो जाएगी।

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ईरान के पास न्यूक्लियर बम है या नहीं?

ईरान बार-बार कह चुका है कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम शांतिपूर्ण है। लेकिन इजरायल का आरोप है कि ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब है और अब “नो रिटर्न” पॉइंट पर पहुंच चुका है। वहीं, अमेरिका की राय बदलती रही है। पहले CNN की रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान बम नहीं बना रहा और उसे अभी तीन साल लग सकते हैं। लेकिन अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने अब कहा है कि ईरान कुछ ही हफ्तों में न्यूक्लियर बम बना सकता है।

ट्रंप ने दो हफ्ते की डेडलाइन दी थी, पर हमला पहले कर दिया

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को नया न्यूक्लियर डील साइन करने के लिए दो हफ्ते की डेडलाइन दी थी। लेकिन जब पता चला कि इजरायल अकेले इन साइट्स को खत्म नहीं कर सकता, तो अमेरिका ने B-2 बमवर्षकों से “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” शुरू किया। 37 घंटे चले इस मिशन में टॉमहॉक मिसाइलों और बंकर बस्टर बमों से तीन न्यूक्लियर साइट्स (Fordow, Natanz, Isfahan) को निशाना बनाया गया।

हमले के बाद ट्रंप ने दावा किया, “ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह तबाह हो चुका है।”

अब नजरें इस बात पर हैं कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत कैसे आगे बढ़ती है, और क्या IAEA को फिर से साइट्स पर भेजा जाएगा। दुनिया के सामने सबसे बड़ा सवाल अब यही है, गायब हुआ यूरेनियम आखिर गया कहां?

First Published : June 25, 2025 | 10:46 AM IST