प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत में एंड टू एंड सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम तैयार करने का प्रयास भले ही देर से शुरू हुआ हो लेकिन देश को उन सुधारों को गति देने से कोई नहीं रोक सकता जो उसे एक फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनने में मदद करेंगे। मोदी ने चौथे सेमीकंडक्टर इंडिया सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में बढ़ती क्षमताओं के साथ भारत वैश्विक चिप बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इसके 1 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
मोदी ने उद्घाटन सत्र में कहा, ‘सेमीकंडक्टर क्षेत्र में गति सबसे अधिक मायने रखती है। फाइल से फैक्टरी तक का समय जितना कम होगा, पेपरवर्क से वैफर वर्क तक का सफर उतना ही छोटा होगा। हमारी सरकार इसी सोच के साथ काम कर रही है।’
सेमीकंडक्टर की दिशा में भारत के अब तक के सफर के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने दिसंबर 2021 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) को मंजूरी दी थी। उसके 18 महीनों के भीतर पहली सेमीकंडक्टर परियोजना को मंजूरी दी गई।
मोदी ने बताया कि सरकार ने 2024 में भारत की पहली सेमीकंडक्टर चिप फैब्रिकेशन (फैब) परियोजना को मंजूरी दी। उसके बाद आईएसएम के तहत 10 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार अब सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण की तैयारी कर रही है।
दिसंबर 2021 में औपचारिक तौर पर घोषित आईएसएम के तहत करीब 76,000 करोड़ रुपये की धनराशि लगभग खत्म हो चुकी है। इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने सोमवार को कहा था कि एक चिप फैब्रिकेशन इकाई, एक कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन इकाई और 8 आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एवं परीक्षण इकाइयों के लिए मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। वह इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के सेमीकंडक्टर लीडरशिप फोरम के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
इस बीच, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 5 घरेलू सेमीकंडक्टर परियोजनाओं का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है।
वैष्णव ने कहा, ‘एक इकाई (सीजी पावर ऐंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस) की परीक्षण परियोजना पूरी हो चुकी है।’
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘हमने अभी-अभी प्रधानमंत्री को भारत में विनिर्मित पहली चिप्स भेंट की हैं। अगले कुछ महीनों में दो अन्य इकाइयों में भी उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।’ उन्होंने कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारत एक स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में सामने
आया है।
वैष्णव ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आईएसएम का अगला चरण पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरण और रक्षा परियोजनाओं जैसे तमाम क्षेत्रों को कवर करने पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा, ‘हम इसी दृष्टिकोण को जारी रखेंगे और उपकरण, सामग्री विनिर्माताओं एवं अन्य भागीदारों को पूरी मदद करेंगे। वह आवंटन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होगा।’
वैष्णव ने कहा कि सरकार ने अधिक मूल्य एवं कम मात्रा, मध्यम मूल्य एवं मध्यम मात्रा और अधिक मात्रा एवं कम मूल्य वाले 25 चिप उत्पादों की भी पहचान की है। उन्होंने कहा कि इन सभी को डिजाइन से जुड़ी संशोधित प्रोत्साहन योजना में शामिल करने के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमने इसे अंतिम रूप दे दिया है। इन उत्पादों को सरकार से भी समर्थन मिलेगा।’
एएसएमएल के मुख्य कार्याधिकारी क्रिस्टफ फुकेट उद्घाटन सत्र में कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर का विकास न केवल आर्थिक विस्तार एवं रोजगार सृजन के लिए बल्कि देश को मजबूती देने के लिए भी अवसर प्रस्तुत करता है।