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आबकारी नीति मामले में संजय सिंह को जमानत

पीठ ने कहा कि संजय के पास से कोई राशि नहीं मिली है और दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोपों की जांच सुनवाई के दौरान हो सकती है।

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भाषा   
Last Updated- April 02, 2024 | 11:03 PM IST

AAP Leader Sanjay Singh granted bail: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और राज्य सभा सदस्य संजय सिंह को मंगलवार को जमानत दे दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी जमानत का विरोध नहीं किया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि संजय के पास से कोई राशि नहीं मिली है और दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोपों की जांच सुनवाई के दौरान हो सकती है। आप नेता अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं, लेकिन इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं दे सकते।

सिंह की रिहाई ऐसे समय में हो रही है जब आम आदमी पार्टी के सामने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नेतृत्व का संकट है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

पीठ ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी। भोजनावकाश के बाद के सत्र में, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी से निर्देश ले लिए हैं और अगर सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

भाजपा में शामिल होने की दी गई सलाहः आतिशी

आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मंगलवार को दावा किया कि उनके एक करीबी व्यक्ति ने उनसे कहा था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो जाना चाहिए या एक महीने के भीतर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

आतिशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके अलावा ‘आप’ के तीन और नेताओं – मंत्री सौरभ भारद्वाज, विधायक दुर्गेश पाठक और राज्य सभा सदस्य राघव चड्ढा को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि आतिशी ‘झूठ’ बोल रही हैं। पूरी आम आदमी पार्टी ‘शराब घोटाले’ में शामिल थी और उसके नेता इस आशंका पर आपस में लड़ रहे हैं कि अगला ‘बलि का बकरा’ कौन होगा।

First Published : April 2, 2024 | 11:03 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)