प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना टेक्सटाइल क्षेत्र में बदलाव ला रही है। इससे न केवल उत्पादन बढ़ रहा है, बल्कि हजारों की संख्या में नये रोजगार पैदा हो रहे हैं। इस योजना के तहत हजारों करोड़ रुपये का निवेश भी हुआ है। टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना 4 साल पहले शुरू की गई थी, जिसे विशेष रूप से मानव निर्मित फाइबर (MMF) परिधान, MMF कपड़ों के घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 24 सितंबर, 2021 को अधिसूचित किया गया था।
कंपनियों ने टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए शुरू की गई पीएलआई योजना में रुचि दिखाई है और चार साल पहले शुरू हुई इस पीएलआई योजना में दर्जनों कंपनियां भाग ले चुकी हैं। कपड़ा मंत्रालय के मुताबिक इस साल सितंबर महीने तक इस योजना के तहत कुल 91 कंपनियों को चुना गया है। इन कंपनियों ने 7,731 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
पीएलआई योजना से टेक्सटाइल क्षेत्र में न केवल उत्पादन बढ़ रहा है, बल्कि इससे हजारों नये रोजगार पैदा हो रहे हैं। कपड़ा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार टेक्सटाइल क्षेत्र में पीएलआई योजना के तहत 30 सितंबर 2025 तक 30,838 रोजगार पैदा हुए हैं। इस योजना के तहत चुनी गई 91 कंपनियों का सालाना कारोबार 7,290 करोड़ रुपये है और इन कंपनियों ने 733 करोड़ रुपये का निर्यात किया है।
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पीएलआई योजना भारत सरकार की एक पहल है जिसका उद्देश्य घरेलू मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) को बढ़ावा देना, आयात पर निर्भरता कम करना, रोजगार पैदा करना और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का केंद्र बनाना है। जिसके तहत घरेलू कंपनियों को बेचे गए उत्पादों की बिक्री में वृद्धि के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन मिलते हैं। यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण और सौर ऊर्जा जैसे 14 क्षेत्रों में लागू है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय के मुताबिक मार्च 2025 तक पीएलआई योजना ने 14 प्रमुख क्षेत्रों में 1.76 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। इसके लाभार्थियों की ओर से की गई कुल बिक्री 16.5 लाख करोड़ को पार कर गई है। साथ ही शुभारंभ के बाद से इस योजना के तहत 12 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा हुए हैं।