दिवाला नियामक द्वारा बुधवार को जारी संशोधित तकनीकी दिशानिर्देशों के मुताबिक इन्फॉर्मेशन यूटिलिटीज द्वारा पहचान सत्यापित करने के लिए इस्तेमाल होने वाले वैध दस्तावेजों में पैन कार्ड को भी शामिल किया गया है। यह दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के महत्त्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। इन्फॉर्मेशन यूटिलिटीज कर्ज लेने वालों से जुड़ी वित्तीय सूचनाएं इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस में रखती हैं, जानकारी से जुड़ी विषमता खत्म करती हैं और दिवाला कार्यवाही में देरी व विवादों को कम करती हैं।
भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों के मुताबिक इन्फॉर्मेशन यूटिलिटीज को पंजीकरण प्रक्रिया में उपयोगकर्ताओं के जनसांख्यिकीय प्रमाणीकरण के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से सब-अथेंटिकेशन यूजर एजेंसी लाइसेंस लेना होगा।
मर्चेंट बैंकिंग फर्म रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गडिया ने कहा, ‘मूल दिशानिर्देश 45 पृष्ठों का विस्तृत दस्तावेज है। बहरहाल व्यवस्था को सुचारु बनाने और विसंगतियां दूर करने के लिए संशोधन जरूरी थे। चूक की सूचना, चूक का रिकॉर्ड, तथा विभिन्न ऋणदाताओं और चूककर्ताओं द्वारा इसके सत्यापन और प्रमाणीकरण में शामिल कदमों को अधिक स्पष्टता के साथ सामने लाया गया है।’