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पेरिस सम्मेलन में AI पर वैश्विक दिशानिर्देश बनाने पर मोदी देंगे जोर

अधिकारियों के मुताबिक मोदी और अन्य वैश्विक नेता 10 और 11 फरवरी को पेरिस में हो रहे सम्मेलन में  एआई की बढ़ती चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा कर सकते हैं।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- February 04, 2025 | 11:07 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल तकनीक पर अंतरराष्ट्रीय फ्रेमवर्क के लिए प्रयासरत हैं और इसके तहत वह आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए एक वैश्विक दिशानिर्देश तैयार करने के लिए अन्य देशों से अपील कर सकते हैं। इसकी जानकारी रखने वाले अधिकारियों के मुताबिक मोदी और अन्य वैश्विक नेता 10 और 11 फरवरी को पेरिस में हो रहे सम्मेलन में  एआई की बढ़ती चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा कर सकते हैं।

भारत द्वारा दूरसंचार में एआई के मानकों को अपनाने के प्रयासों के चलते पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने इसका समर्थन करने वाला एक प्रस्ताव पारित किया। अधिकारियों का कहना है कि एआई तकनीक जिस रफ्तार से बढ़ रहा है ऐसे में अन्य क्षेत्रों के लिए भी इसकी आवश्यकता हो सकती है।

भारत के साथ मिलकर इस कार्यक्रम की सह अध्यक्षता करने वाली फ्रांस की सरकार का मकसद इस कार्यक्रम का इस्तेमाल एक ऐसे मंच के रूप में करना है जो सामूहिक रूप से वैज्ञानिक आधार, समाधान के साथ अधिक टिकाऊ एआई पर जोर दे ताकि यह सामूहिक प्रगति और सार्वजनिक हित में काम करे। यह सम्मेलन नवंबर 2023 में ब्लेचले पार्क शिखर सम्मेलन और मई 2024 में सियोल सम्मेलन में हुई प्रगति पर आधारित है। साथ ही यह समावेशी और विविधतापूर्ण योगदान सुनिश्चित करने के लिए करीब 30 देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को एक साथ लाने वाली संचालन समिति की विशेषज्ञता का फायदा भी लेगा। 

इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी तीन प्रमुख उद्देश्यों को हासिल करने की कोशिश करेंगे जिनमें उपयोगकर्ताओं के व्यापक वर्ग को स्वतंत्र, सुरक्षित एवं विश्वसनीय एआई तक पहुंच मुहैया कराना, ऐसा एआई तैयार करना जो पर्यावरण के अनुकूल हो और जिससे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का वैश्विक प्रशासन सुनिश्चित हो सके जो प्रभावी होने के साथ ही समावेशी भी हो।

एक अधिकारी ने बताया कि सरकार चाहती है कि एआई शिखर सम्मेलन  उसे उभरती हुई तकनीक के लिए नीति निर्धारण करने वाले किसी वैश्विक निकाय का हिस्सा बनने का शुरुआत में ही मौका भी दे। दूरसंचार मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘एआई एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें तेजी से बढ़ रहा है जबकि इसके इस्तेमाल करने के तरीकों पर अभी काम भी जारी है। ऐसे वक्त में जब सभी देश एआई की दौड़ में शामिल होना चाहते हैं तब भारत एआई पर वैश्विक नीति निर्माण में पीछे रहने का जोखिम नहीं उठा सकता है।’

अमेरिका की यात्रा पर मोदी

प्रधानमंत्री मोदी पेरिस के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ वार्ता करने के लिए सीधे वॉशिंगटन जाएंगे। इसकी जानकारी सोमवार देर शाम अमेरिकी समाचार एजेंसियों ने व्हाइट हाउस के सूत्रों के हवाले से दी। विदेश मंत्रालय को आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि करनी है। 

अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात होगी और इस वार्ता का पूरा जोर व्यापार और शुल्क पर होगा। भारत फिलहाल इंतजार करना चाहता है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको के आयात पर 25 फीसदी शुल्क और चीन के आयात पर 10 फीसदी शुल्क लगाया है। अमेरिका के पड़ोसी देश के लिए यह शुल्क मंगलवार से प्रभावी होने वाला था लेकिन फिलहाल इसे एक महीने के लिए टाल दिया गया है जबकि चीन के मामले में अभी स्पष्टता का इंतजार है।

First Published : February 4, 2025 | 10:54 PM IST