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Citizenship Amendment Act Notified: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की घोषणा कर दी है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सरकार की तरफ से यह बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके तहत तीन पड़ोसी देशों- अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए छह अल्पसंख्यक समुदायों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
गौरतलब है कि यह कानून उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
यह कदम लोकसभा चुनाव 2024 से पहले आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct- MCC) लागू होने से पहले आया है। MCC चुनावों के दौरान लागू होता है और सरकार को कोई बड़ी घोषणा करने से रोकता है।
CAA 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र का एक अभिन्न हिस्सा था। नए नियमों की अधिसूचना (notificatoion) जारी होने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों के विस्थापितों के लिए भारत में नागरिकता प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) अधिनियम,2019 लागू करने की घोषणा कर दी है। ऐसे में बगैर किसी डॉक्यूमेंट्स के तीन मुस्लिम बहुल देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों को नागरिकता मिलेगी। नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथ में होगा। यह नागरिकता 31 दिसंबर,2014 तक इन देशों से भारत आए गैर-मुस्लिम विस्थापितों को दी जाएगी।
जो गैर-मुस्लिम लोग पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश छोड़कर भारक आए हैं और यहां कई सालों से रह रहे हैं मगर नागरिकता नहीं मिली है, उन्हें अब केंद्र सरकार से नागरिकता मिल जाएगी।
मृह मंत्रालय ने CAA के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर लिया है और ये सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन ही होंगी।
नागरिकता के लिए अप्लाई करने वाले लोगों को सिर्फ इतना बताना होगा कि वे कब बिना किसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के भारत में एंट्री किए हैं। एक अधिकारी ने PTI से कहा, आवेदकों से कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। 27 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि CAA को लागू होने से को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है।
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नागरिकता के लिए अप्लाई करने वाले लोगों को सिर्फ इतना बताना होगा कि वे कब बिना किसी ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स (वीजा औऱ पासपोर्ट) के भारत में एंट्री किए हैं। एक अधिकारी ने PTI से कहा, आवेदकों से कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जाएगा। 27 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि CAA को लागू होने से को कोई नहीं रोक सकता क्योंकि यह देश का कानून है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2019 में लोकसभा चुनाव के कुछ ही महीनों बाद दिसंबर में CAB (citizenship Amendment Bill) लेकर आई। संसद में भारी शोरगुल के बीच, यह बिल पास भी हो गई और तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सहमति भी मिल गई। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून में तब्दील हो गई।
मगर इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन और विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ लिया और यह कानून लागू नहीं हो सका। यह कानून तो बन गया था लेकिन भारी विरोध के चलते सरकार ने इसे नोटिफाई नहीं किया और यह देशभर में लागू नहीं हो सका।
संसदीय कार्य नियमावली के मुताबिक, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की मंजूरी के 6 महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए, नहीं तो सरकार को लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान समितियों से अवधि में विस्तार करने की मांग करनी होगी। साल 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समिति से नियमित समय पर अवधि में विस्तार प्राप्त करता रहा है।