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महाराष्ट्र ने कर्नाटक को दी जलापूर्ति रोकने की धमकी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 21, 2022 | 8:28 PM IST

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर नेताओं की बयानबाजी इस मुद्दे को ठंडा नहीं होने दे रही हैं। महाराष्ट्र को एक इंच जमीन नहीं देने के कर्नाटक के बयान पर आज महाराष्ट्र ने जलापूर्ति रोकने की धमकी दे दी। महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि अगर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई गैर-जिम्मेदाराना बयान देना बंद नहीं करते, तो महाराष्ट्र को अपने बांधों से पड़ोसी राज्य को पानी मुहैया कराने के बारे में फिर से विचार करना होगा।

महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने कर्नाटक के साथ राज्य के सीमा विवाद पर अदालत में लंबित एक मामले के लिए कानूनी टीम के साथ समन्वय के लिए कैबिनेट सदस्य चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को नोडल मंत्री नियुक्त किया था। देसाई ने नागपुर में विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कर्नाटक सरकार के महाराष्ट्र को एक इंच भी जमीन नहीं देने के रुख पर सवाल उठाए।

कर्नाटक विधानमंडल ने राज्य के रुख को दोहराते हुए कहा था कि सीमा का मुद्दा सुलझा हुआ है और पड़ोसी राज्य को एक इंच भी जमीन नहीं दी जाएगी। कर्नाटक विधानसभा में मंगलवार को सीमा विवाद पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री बोम्मई ने राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करने का सुझाव दिया।

देसाई ने कहा कि वह ऐसी टिप्पणियों की निंदा करते हैं और संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐसे बयान देना बोम्मई को शोभा नहीं देता। जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तो एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की उकसाने वाली भाषा का इस्तेमाल करना सही नहीं है। उन्हें इसे रोकना चाहिए। महाराष्ट्र धैर्य बनाए हुए है और कर्नाटक के मुख्यमंत्री को ध्यान में रखना चाहिए कि दक्षिणी राज्य मार्च तथा अप्रैल महीने के शुष्क मौसम के दौरान कोयना और कृष्णा बांधों (महाराष्ट्र में) से पानी की आपूर्ति पर बहुत अधिक निर्भर रहता है। देसाई ने कहा कि अगर कर्नाटक नहीं रुकता है, तो महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य को पानी की आपूर्ति को लेकर पुनर्विचार करना होगा।

महाराष्ट्र सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मराठी भाषी लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बढ़ते सीमा विवाद के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र को पड़ोसी राज्य पर लगाम कसने के लिए नदी के ऊपर बांधों की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए। कर्नाटक जानबूझकर अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषी लोगों को परेशान कर रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व जल संसाधन मंत्री ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री की बात का जवाब हमें उन्हीं की भाषा में देना चाहिए। अगर उनमें इतनी अकड़ है, तो हम कोयना तथा वरना नदियों पर बने बांधों और सतारा तथा कोल्हापुर जिलों के सभी बांधों की ऊंचाई बढ़ाएंगे। उन्हें किसी और तरीके से काबू में नहीं लाया जा सकता।

दोनों राज्यों के 1957 में भाषाई आधार पर पुनर्गठन के बाद से ही सीमा विवाद जारी है। महाराष्ट्र बेलगावी पर अपना दावा करता है, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा वहां रहता है। वह उन 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है, जो वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा हैं। वहीं, कर्नाटक का कहना है कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 की महाजन आयोग की रिपोर्ट के तहत भाषाई आधार पर किया गया सीमांकन अंतिम है।

First Published : December 21, 2022 | 8:28 PM IST