भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को राज्य सभा में नेता सदन चुना गया है। नड्डा ने केंद्रीय मंत्रीय पीयूष गोयल का स्थान लिया है जो हाल ही में लोक सभा चुनाव जीते हैं। उन्होंने सोमवार को लोक सभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की है। कैबिनेट मंत्री नड्डा के पास स्वास्थ्य, रसायन और उर्वरक जैसे मंत्रालय हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्य सभा में विपक्ष के नेता हैं। अरुण जेटली वर्ष 2014 से 2019 तक राज्य सभा के अध्यक्ष रहे थे। उसके बाद 2019 से 2024 तक गोयल इस पद पर आसीन रहे। भाजपा के संविधान में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का नियम है। इसलिए नड्डा को पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। जेपी नड्डा को 2020 में अमित शाह का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
सूत्रों का कहना है कि नड्डा तब तक पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे जब तक भाजपा के संगठन चुनाव संपन्न नहीं हो जाते। भाजपा के संविधान के मुताबिक देश के 50 प्रतिशत राज्यों में संगठन चुनाव पूरे हो जाने के बाद पार्टी का अध्यक्ष चुना जा सकता है। इस प्रक्रिया में अभी छह महीने का समय लग सकता है।
नड्डा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से 1993, 1998 और 2007 में भाजपा विधायक चुने गए। वह 1998 से 2003 तक राज्य के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। उन्हें हिमाचल प्रदेश से ही 2012 में राज्य सभा के लिए चुना गया। वर्ष 2014 में जब राजनाथ सिंह का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अमित शाह को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया तो नड्डा को पार्टी की निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया। नड्डा को बीते अप्रैल में ही तीसरी बार गुजरात से राज्य सभा भेजा गया है।