संसद के कई नेताओं और INDIA गठबंधन के कम से कम 4 नेताओं ने मंगलवार को सुबह ही दावा किया कि उनके मोबाइल फोन की हैकिंग हो सकती है और यह सरकार द्वारा कराई जा रही है। इन नेताओं ने कहा कि उन्हें Apple से अलर्ट मिला है कि ‘राज्य प्रायोजित हमलावर उनके iPhones को निशाना बना सकते हैं।’ ऐसे में केंद्र सरकार और विपक्षी दलों के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्षी नेताओं की तरफ से मोदी सरकार को घेरने का सिलसिला जारी है। वहीं Apple ने भी एक आधिकारिक खुलासा कर दिया है।
दुनियाभर में आईफोन की बिक्री करने वाली कंपनी ऐपल ने कई नेताओं की हैकिंग वाली रिपोर्ट को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है और कहा है कि जानकारी मिली है कि सरकार की तरफ से प्रायोजित किन्हीं हमलावरों द्वारा उनके फोन को हैक करने का प्रयास किया गया था। ऐपल ने इस मैसेज पर पूरी तरह से जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया और कहा कि हालांकि यह एक गलत अलार्म हो सकता है।
ऐपल ने कहा कि ऐसे हमले का पता लगाना सिग्नल पर निर्भर करता है और हमले का असल सोर्स कौन है, इसके बारे में अक्सर परफेक्ट और कंपलीट जानकारी नहीं मिल पाती। इसलिए ऐपल जिम्मेदारी नहीं ले सकती है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘ऐपल खतरे यानी थ्रेट की सूचनाओं के लिए किसी राज्य-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहराता है।’
ऐपल ने अपने बयान में कहा कि इस तरह के राज्य प्रायोजित यानी स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स को अच्छी फंडिंग मिलती है और वे समय-समय पर ऐसे हमले करते रहते हैं। ऐसे में यह संभव है कि ऐपल ने जो थ्रेट नोटिफिकेशन भेजा है वह गलत आलार्म भी हो सकता है। ऐपल ने कहा कि हम इस बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं कि किस कारण से खतरे का अलर्ट मिला है।
हालांकि, ऐपल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा समेत अन्य नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं।
गौरतलब है कि मंगलवार को यानी आज कम से कम चार विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि उन्हें ऐप्पल से मैसेज मिले हैं, जिसमें उन्हें अलर्ट मिला कि ‘राज्य प्रायोजित हमलावर उनके iPhones को निशाना बना सकते हैं’। इसके बाद नेताओं ने उस स्क्रीनशॉट को अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करना शुरू कर दिया।
कई विपक्षी दलों के नेताओं ने दावा किया कि उन्हें ऐपल से एक चेतावनी मिली है जिसमें कहा गया है कि ‘सरकार प्रायोजित हमलावर कहीं दूर से उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।’ इन नेताओं ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर संदेश के कथित स्क्रीनशॉट पोस्ट किए।
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, टीएमसी की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, कांग्रेस के शशि थरूर और उनकी पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर एप्पल का संदेश साझा किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को भी इसी तरह का मैसेज मिला।
मोइत्रा ने स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा, ‘एप्पल से मुझे संदेश और ईमेल मिला है जिसमें मुझे चेतावनी दी गई है कि सरकार मेरे फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी टैग किया और केंद्र की अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी के साथ कथित सांठगांठ पर सवाल उठाया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में ‘ऐपल’ फोन पर मिली चेतावनी पढ़कर सुनाई और दावा किया कि के.सी. वेणुगोपाल, पवन खेड़ा जैसे पार्टी नेताओं और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को ऐसी चेतावनी मिली है। उन्होंने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि अदाणी का जिक्र होते ही खुफिया एजेंसियां, जासूस तैनात हो जाते हैं।
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने हैकिंग के इस विवादित मसले पर बयान देते हुए कहा कि कुछ विपक्षी नेताओं समेत कई लोगों के आईफोन पर भेजे गए ‘राज्य प्रायोजित हमलावर’ संबंधी अलर्ट पर स्पष्टीकरण ऐपल को देना है। पार्टी ने इस सिलसिले में सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को ‘बेबुनियाद और गलत’ बताया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ आरोप लगाने के बजाय इन नेताओं को एप्पल के समक्ष मामला उठाना चाहिए और FIR दर्ज करानी चाहिए।
हालांकि, उन्होंने अपने अनुभव का हवाला देते हुए दावा किया कि कोई भी टेलीफोन कंपनी ऐसा कुछ नहीं करती है और मामले को देखने के लिए सबसे पहले एक आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम सीईआरटी-इन के पास जाती है।
विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए भाजपा के अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हमेशा की तरह कुछ ही लोग ‘सरकार प्रायोजित’ हमले पर हंगामा खड़ा कर रहे हैं और खुद को शहीद बताने का नाटक कर रहे हैं… सब अच्छा है… लेकिन संभावना है कि हमेशा की तरह ही इस हंगामे की हवा निकल जाएगी!’
उन्होंने कहा, ‘एप्पल के स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा क्यों न की जाए? या हंगामा खड़ा करने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते ?’