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मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में रविवार को आयोजित ‘टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025’ में लगभग 20,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव हासिल हुए जिनसे करीब 75,000 रोजगार तैयार होंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल के बैरसिया में 209 एकड़ क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर और मोबाइल, सेमीकंडक्टर डिवाइस पार्क में करीब 1,500 करोड़ रुपये का निवेश आने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रदेश के छोटे-छोटे शहरों में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) और उसके बाद वैश्विक निवेशक सम्मेलन (जीआईएस) के माध्यम से प्रदेश में निवेश का अभूतपूर्व माहौल तैयार हुआ है। हमने सरकार गठन के तुरंत बाद उद्योग और रोजगार तैयार करने के जो प्रयास किए हैं उनके परिणाम अब सामने आने लगे हैं। वर्तमान में स्थिति यह है कि परियोजना शुरु करने की चाह रखने वाले अधिक हैं और हमारे पास जमीन कम पड़ रही है। प्रदेश में 6 आईटी पार्क हैं जो आईटी क्षेत्र की कंपनियों के लिए कारोबार आसान बना रहे हैं। पूरी दुनिया से निवेशक मध्य प्रदेश में आ रहे हैं।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश स्पेस टेक नीति तैयार करेगा जिससे राज्य में स्पेस टेक्नॉलजी, रिसर्च और इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। कॉन्क्लेव के दौरान उन्होंने चार नई आईटी नीतियों को लागू करने की बात भी कही। यादव ने कहा कि टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव प्रदेश के टेक्नो-इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि प्रदेश सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट उद्योग का एक बड़ा केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है। दुबे ने राज्य की सेमीकंडक्टर नीति और प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को दी जाने वाली वित्तीय और गैर वित्तीय सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक स्थिति, शीघ्र मंजूरी, उन्नत बुनियादी ढांचा और और नीतियों ने तकनीकी विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
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प्रदेश के आईटी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए आयोजित इस कॉन्क्लेव में कई प्रमुख उद्योगपतियों ने भी हिस्सा लिया। कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के सीईओ संजय गुप्ता ने सुझाव दिया किए क पेशेवर संस्था बनाने की आवश्यकता है जो उद्योग जगत और सरकार के बीच काम करे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश से शुरू हुई यह लहर देश की अर्थव्यवस्था को काफी मदद पहुंचाने वाली साबित होगी।
ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर (जीसीसी) क्षेत्र के विशेषज्ञ, विश्वनाथन केएस ने कहा, ‘मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने जीसीसी नीति अपनाकर काम करना आरंभ किया है। देश में आज 1700 जीसीसी हैं और अगले पांच साल में 3,000 नए जीसीसी आएंगे। ऐसे में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन आदि शहरों में बहुत अधिक संभावनाएं हैं।’
पंचशील इन्फ्रा डेवलपर्स के अतुल चोडिया ने कहा कि उनकी कंपनी इंदौर में एक फ्यूचर रेडी आईटी बिल्डिंग का निर्माण करेगी। उनकी कंपनी डेटा सेंटर की स्थापना की दिशा में भी काम कर रही है। कार्यक्रम के दौरान इन्फोबीन टेक्नॉलजी के सीईओ सिद्धार्थन सेठी और इंपेटस टेक्नॉलजी के प्रवीण काकड़िया ने भी प्रदेश सरकार की सहायक नीतियों और सकारात्मक माहौल की सराहना की।
कॉन्क्लेव के दौरान कंट्रोल-एस डेटा सेंटर के निर्माण के लिए भूमि आवंटन किया गया जबकि पंचशील इन्फ्रा डेवलपर्स ने कहा कि वह इंदौर के सुपर कॉरिडोर में 20 लाख वर्ग फुट जगह वाली आईटी बिल्डिंग तैयार करेगी। करीब 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से यहां 15,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा। दृष्टि इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा आईटी पार्क इंदौर में एक स्टार्ट अप स्पेस का निर्माण किया जाएगा जहां करीब 120 स्टार्ट अप्स काम कर सकेंगे।
इस मौके पर निवेशकों को एकीकृत सुविधा देने हेतु प्रोत्साहन पोर्टल भी लॉन्च किया गया। इसके अंतर्गत एमपी जीसीसी नीति-2025, एमपी सेमीकंडक्टर नीति-2025, एमपी एवीजीसी-एक्सआर नीति-2025 और एमपी ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति-2025 के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गये।