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भारत ने WTO से गैर-व्यापार मुद्दों के बजाय व्यापार पर ध्यान देने का आग्रह किया

WTO का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय अंतरमंत्रालयी कॉन्फ्रेंस है। यह बहुपक्षीय व्यापार के नियमों के तहत किसी भी मामले पर फैसला ले सकता है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- February 26, 2024 | 11:15 PM IST

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को गैर व्यापार के मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, लैंगिक, श्रम और अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श नहीं करना चाहिए। यह मुद्दें संबंधित अंतर मंत्रालयी संगठनों के समक्ष उठाए जाने चाहिए।

मंत्री ने डब्ल्यूटीओ की 13वीं मंत्रिस्तरीय परिषद की बैठक को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत का दृढ़ विश्वास है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने का कोई भी मुद्दा मनमाने, अनुचित भेदभाव या अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर प्रतिबंध लगाने वाला नहीं होना चाहिए। इस क्रम में कोई एकतरफा उपाय भी शामिल नहीं होने चाहिए।’

अबू धाबी में चार दिवसीय 13वीं एमसी 26 फरवरी को शुरू हुई थी। डब्ल्यूटीओ का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय अंतरमंत्रालयी कॉन्फ्रेंस है। यह बहुपक्षीय व्यापार के नियमों के तहत किसी भी मामले पर फैसला ले सकता है।

वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने औद्योगीकरण के चिरस्थायी विकास और नीति के मुद्दें पर आयोजित सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय व्यापार संगठन में विखंडन से बचने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने डब्ल्यूटीओ के एजेंडे में गैर व्यापार मुद्दों की जगह अन्य मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया।

भारत के अधिकारियों ने पहले ही कह दिया था कि भारत गैर व्यापार मुद्दों पर किसी भी कार्ययोजना या बातचीत का विरोध करेगा। गोयल ने यह आह्वान भी किया कि खाद्य सुरक्षा के लिए लंबे समय से प्रतीक्षारत सार्वजनिक स्टॉकहोल्डिंग के मुद्दे का स्थायी समाधान किया जाना चाहिए। यह मसला प्रत्यक्ष रूप से 2030 तक चिरस्थायी विकास के लक्ष्य शून्य भूख से जुड़ा हुआ है।

First Published : February 26, 2024 | 11:15 PM IST