facebookmetapixel
BFSI Summit 2025: बीमा सेक्टर में दिख रहा अ​स्थिर संतुलन – अजय सेठरिलायंस और गूगल की बड़ी साझेदारी: जियो यूजर्स को 18 महीने फ्री मिलेगा एआई प्रो प्लानबीमा सुगम उद्योग को बदलने के लिए तैयार : विशेषज्ञअस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्यभारत की 4 कंपनियों को मिला चीन से ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ आयात लाइसेंस, वाहन उद्योग को मिलेगी राहतएआई से लैस उपकरण से बदला डिजिटल बैंकिंगमजबूत आईटी ढांचा सबके लिए जरूरी: अरुंधती भट्टाचार्यBFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञ

डेटा और टेक्नॉलॉजी के मामले में भारत है सक्षम: पीएम मोदी

Last Updated- January 03, 2023 | 12:29 PM IST
PM Modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 21वीं सदी के भारत के पास डेटा और टेक्नॉलॉजी बहुतायत में हैं और इन दोनों में भारत के विज्ञान को बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है।

नागपुर के तुकड़ोजी महाराज विश्वविद्यालय में आयोजित 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है और अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की बड़ी भूमिका होगी। मोदी ने कहा कि आज का भारत जिस ‘वैज्ञानिक एप्रोच’ के साथ आगे बढ़ रहा है, उसके नतीजे भी दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर पर आते थे लेकिन 2022 में हम 40वें नंबर पर पहुंच गए हैं।’’ मोदी ने कहा कि भारत में विज्ञान भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में हमारे पास दो चीजें बहुतायत में हैं, पहली डाटा और दूसरी प्रौद्योगिकी। इन दोनों में भारत के विज्ञान को बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है। अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की बड़ी भूमिका है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान के प्रयास, बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं जब वह प्रयोगशाला से निकलकर जमीन तक पहुंचें। उन्होंने कहा, ‘‘जब उसका प्रभाव ग्लोबल से लेकर ग्रासरूट तक हो, जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो, जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे।’’

उन्होंने कहा कि आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि विज्ञान के जरिए महिला सशक्तीकरण करें बल्कि महिलाओं की भागीदारी से विज्ञान का भी सशक्तीकरण करें। इस वर्ष के आईएससी का मुख्य विषय ‘‘महिला सशक्तीकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी’’ है।

First Published - January 3, 2023 | 12:28 PM IST

संबंधित पोस्ट