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अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में इलेक्ट्रॉनिक्स और iPhone निर्यात रहेगा प्रमुख मुद्दा

इन चार वर्षों (वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 24) के दौरान भारत का अमेरिका से व्यापार अधिशेष 12.6 अरब डॉलर बढ़ गया है।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- December 08, 2024 | 10:34 PM IST

अमेरिका के नए ट्रंप प्रशासन के साथ व्यापार वार्ता में इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात प्रमुख मुद्दा रहने की उम्मीद है। अमेरिका से 2020-21 (वित्त वर्ष 21) से 2023-24 (वित्त वर्ष 24) में भारत के व्यापार अधिशेष में इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात की 62 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी थी। भारत के कुल निर्यात में भी इस मद के निर्यात की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

इन चार वर्षों (वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 24) के दौरान भारत का अमेरिका से व्यापार अधिशेष 12.6 अरब डॉलर बढ़ गया है। वित्त वर्ष 21 में व्यापार अधिशेष 22.7 अरब डॉलर था और यह वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 35.3 अरब डॉलर हो गया। हालांकि इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 7.9 अरब डॉलर बढ़ा।

इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात 2.1 अरब डॉलर से बढ़कर 10 अरब डॉलर हो गया। इसमें भी चौंकाने वाली बात यह है कि स्मार्टफोन निर्यात, जिसमें ऐपल इंक के आईफोन का प्रभुत्व है, वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 24 के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार अधिशेष में 44 प्रतिशत की वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।

स्मार्टफोन की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के कारण अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईफोन का निर्यात बढ़ गया है। जब पीएलआई योजना की सबसे पहले घोषणा की गई थी तब वित्त वर्ष 21 में अमेरिका को होने वाले भारत के कुल 51.6 अरब डॉलर के निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की हिस्सेदारी महज 4 प्रतिशत यानी 2.1 अरब डॉलर की थी। इसमें स्मार्टफोन का निर्यात मात्र 9.2 करोड़ डॉलर का था। उस समय तक ऐपल ने भारत में आईफोन का उत्पादन या निर्यात शुरू नहीं किया था।

वित्त वर्ष 24 में भारत से अमेरिका को होने वाला निर्यात तेजी से 50 प्रतिशत बढ़कर 77.5 अरब डॉलर हो गया। हालांकि इस अवधि में भारत से अमेरिका को होने वाला इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात 370 प्रतिशत बढ़कर 10 अरब डॉलर हो गया।

वित्त वर्ष 21 में अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात मात्र 9.2 करोड़ डॉलर था और यह वित्त वर्ष 24 में पूरी तरह आईफोन की वजह से 5.6 अरब डॉलर के चौंकाने वाले स्तर पर पहुंच गया। बीते वित्त वर्ष की समाप्ति पर अमेरिका को होने वाले भारत के कुल निर्यात में इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत थी और यह भारत से निर्यात की जाने वाली दूसरी बड़ी श्रेणी बन गई थी।

भारत से सबसे बड़ी निर्यात की श्रेणी इंजीनियरिंग सामान थी और इस श्रेणी में 17 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। इस क्रम में अमेरिका को एकल सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाला उत्पाद आईफोन था और इसकी अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात में करीब 7 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। आईफोन का निर्यात हारमोनाइज्ड सिस्टम श्रेणी के तहत निर्यात किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिकी की तुलना में इंजीनियरिंग सामान की हिस्सेदारी कहीं अधिक है, लेकिन इंजीनियरिंग सामान में कई उपश्रेणियां हैं। इंजीनियरिंग सामान में कोई भी अलग तौर पर स्मॉर्टफोन के बराबर नहीं है। ऐपल ने वित्त वर्ष 24 में 14 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का उत्पादन किया था और इसमें से 10 अरब डॉलर का निर्यात किया था।

ऐपल का आधे से अधिक निर्यात अमेरिका को होता है। इस साल ऐपल 18 अरब डॉलर से ज्यादा का उत्पादन कर सकता है और अमेरिका को निर्यात 8 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है। लिहाजा यह स्पष्ट है कि अमेरिका के ट्रंप प्रशासन में नवनियुक्त व्यापार प्रतिनिधि व वाणिज्य मंत्री जैमिसन ग्रीर सहित अमेरिका अधिकारियों के साथ वार्ता में इलेक्ट्रॉनिकी निर्यात में विशेष तौर पर स्मार्टफोन का निर्यात चर्चा का मुख्य मुद्दा बनेगा।

First Published : December 8, 2024 | 10:34 PM IST