आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व ग्रेटर कैलाश विधायक सौरभ भारद्वाज (फाइल फोटो)
PMLA case: दिल्ली में कथित अस्पताल निर्माण घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व ग्रेटर कैलाश विधायक सौरभ भारद्वाज के आवास सहित अन्य स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
सौरभ भारद्वाज दिल्ली में स्वास्थ्य, नगर विकास और जल मंत्री रह चुके हैं। मामले में आरोप हैं कि AAP सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के कुछ परियोजनाओं में अनियमितताएं हुई थीं।
ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA) की धारा 17 के तहत दिल्ली-एनसीआर के 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
इन 13 ठिकानों में मुख्य रूप से सौरभ भारद्वाज का निवास स्थान, D-64, 6वीं मंजिल, हिमालय हाउस, 23 केजी मार्ग और BP-22, वेस्ट पटेल नगर का कार्यालय शामिल है।
तलाशियां उस ECIR के तहत की जा रही हैं जो दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) द्वारा FIR संख्या 37/2025, दिनांक 26.06.2025 में दर्ज की गई थी। यह FIR पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, निजी ठेकेदारों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई थी।
इससे पहले ACB ने सौरभ भारद्वाज और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ इस कथित घोटाले में मामला दर्ज किया था।
दिल्ली में अस्पताल निर्माण से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसकी रकम करीब 5,590 करोड़ रुपये बताई जा रही है। दरअसल, साल 2018-19 में दिल्ली सरकार ने 24 नए अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी दी थी। योजना के अनुसार, छह महीने में ICU सहित अत्याधुनिक अस्पताल तैयार होने थे, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ज्यादातर काम अधूरा पड़ा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद केवल आधा काम ही पूरा हुआ है। एलएनजेपी अस्पताल की परियोजना पर शुरू में करीब 488 करोड़ रुपये की लागत तय की गई थी, लेकिन बाद में यह बढ़कर 1,135 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इसके बावजूद निर्माण कार्य में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई।
जांच में यह भी सामने आया कि कई स्थानों पर बिना उचित मंजूरी के निर्माण शुरू कर दिया गया और ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध रही। वहीं, अस्पतालों को डिजिटल रूप देने के लिए प्रस्तावित हॉस्पिटल इन्फॉर्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS) प्रोजेक्ट 2016 से ही लटका पड़ा है, जिसे जानबूझकर आगे नहीं बढ़ाने का आरोप है।
इस पूरे मामले को पहले एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) ने दर्ज किया था, लेकिन अब इसे ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अपने हाथ में ले लिया है। ईडी की जांच का फोकस निर्माण कार्यों के दौरान कथित पैसों की हेराफेरी और इसमें राजनीतिक तथा प्रशासनिक स्तर पर हुई मिलीभगत पर है। इस घोटाले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का नाम भी सामने आया है। ईडी ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी है।
(-भाषा इनपुट के साथ)