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‘शरबत जिहाद’ वाले बयान पर विवादों में घिरे बाबा रामदेव, दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार

रामदेव ने 'लव जिहाद' की तुलना रूह अफजा से करते हुए कहा था कि जैसे लव जिहाद होता है, वैसे ही यह एक तरह का शरबत जिहाद है।

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नंदिनी सिंह   
Last Updated- April 22, 2025 | 2:18 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव को हमदर्द की मशहूर ड्रिंक रूह अफजा (Rooh Afza) को लेकर दिए गए विवादित बयान पर कड़ी फटकार लगाई है। Live Law की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने उनके बयान को “असमर्थनीय” बताते हुए कहा, “यह कोर्ट के विवेक को झकझोरता है।” यह विवाद 3 अप्रैल को उस वक्त शुरू हुआ जब रामदेव ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दावा किया कि हमदर्द की रूह अफजा से होने वाला मुनाफा मस्जिदों और मदरसों के निर्माण में लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “एक कंपनी आपको शरबत देती है, लेकिन उससे कमाई गई रकम मदरसे और मस्जिद बनाने में जाती है।”

अपने ब्रांड का प्रचार करते हुए रामदेव ने कहा, “अगर आप वह शरबत पीते हैं तो मदरसे और मस्जिदें बनेंगी। लेकिन अगर आप यह (पतंजलि का गुलाब शरबत) पीते हैं, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम का विकास होगा, पतंजलि विश्वविद्यालय का विस्तार होगा और भारतीय शिक्षा बोर्ड मजबूत होगा।”

हमदर्द ने की कोर्ट में कार्रवाई की मांग

रामदेव के इस बयान के बाद हमदर्द ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। हमदर्द की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा, “यह एक ऐसा मामला है जो चौंकाने वाला है, जो अपमान से भी आगे जाता है। यह सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का मामला है, जो घृणा फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) के समान है। इसे मानहानि कानून की सुरक्षा नहीं मिल सकती।”

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एक और विवादित बयान में रामदेव ने ‘लव जिहाद’ की तुलना रूह अफजा से करते हुए कहा, “जैसे लव जिहाद होता है, वैसे ही यह एक तरह का शरबत जिहाद है। इस शरबत जिहाद से खुद को बचाने के लिए यह संदेश हर किसी तक पहुंचना चाहिए।”

उन्होंने आलोचना को और आगे बढ़ाते हुए अन्य शरबत ब्रांड्स की तुलना टॉयलेट क्लीनर से कर दी। पतंजलि की ओर से सोशल मीडिया पर साझा की गई एक पोस्ट में उपभोक्ताओं से अपील की गई, “सॉफ्ट ड्रिंक और शरबत जिहाद के नाम पर बिक रहे टॉयलेट क्लीनर जैसे ज़हर से अपने परिवार और मासूम बच्चों को बचाएं। सिर्फ पतंजलि का शरबत और जूस ही घर लाएं।”

रामदेव और पतंजलि की बढ़ती कानूनी मुश्किलें

यह घटना रामदेव और पतंजलि से जुड़ी विवादों की लंबी फेहरिस्त में एक और कड़ी जुड़ने जैसा है। पिछले दो वर्षों में पतंजलि को कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, खासकर भ्रामक विज्ञापनों को लेकर। यह मामला उस वक्त राष्ट्रीय सुर्खियों में आया जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पतंजलि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी रूप से पतंजलि के विज्ञापनों पर रोक लगाई और कोर्ट की अवमानना के नोटिस जारी किए।

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इस साल जनवरी में केरल की एक अदालत ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया, क्योंकि वे दिव्य फार्मेसी के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े एक मामले में पेश नहीं हुए थे। इसी तरह का एक और मामला कोझीकोड में भी दर्ज किया गया था।

First Published : April 22, 2025 | 2:18 PM IST