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दिल्ली में पुराने दुपहिया इंजन लगे जुगाड़ साइकिल रिक्शा भी खूब चल रहे हैं और इनसे भी प्रदूषण फैल रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने इन जुगाड़ रिक्शाओं से होने वाले प्रदूषण के प्रभाव का अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए इस माह के अंत तक प्रस्ताव मांगे गए हैं। दिल्ली में स्कूटर, बाइक इंजन लगे हजारों की संख्या में जुगाड़ साइकिल रिक्शा चलने का अनुमान है।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के बाजारों में पुराने दोपहिया इंजन लगे जुगाड़ साइकिल रिक्शा चल रहे हैं। जो बाजारों में व्यावसायिक सामानों की ढुलाई करते हैं। इन जुगाड़ रिक्शाओं को चौधरी, जुगनू और राधे-राधे आदि नामक कोड वर्ड से जाना जाता है।
यह देखा गया है कि इन जुगाड़ रिक्शाओं के कारण भी दिल्ली में प्रदूषण फैल रहा है। इसलिए इन रिक्शाओं के कारण फैलने वाले प्रदूषण के प्रभाव का अध्ययन कराने का फैसला लिया गया है। इस संदर्भ में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने इस अध्ययन के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। अध्ययन करने की इच्छुक एजेंसियों को 31 जनवरी तक प्रस्ताव जमा करने का समय दिया गया है।
इस अध्ययन के तहत इन जुगाड़ रिक्शाओं से होने वाले प्रदूषण का प्रभाव व इसका विस्तृत विश्लेषण करना होगा। दिल्ली के बाजारों में पुराने दोपहिया वाहनों के इंजन लगे जुगाड़ रिक्शा चल रहे हैं, यह तो पता है। लेकिन यह नहीं पता है कि इनकी संख्या कितनी है। इनकी संख्या पता होना जरूरी है।
इसलिए इस अध्ययन को करने वाली एजेंसी को जमीनी स्तर पर सर्वे कर यह भी बताना होगा कि दिल्ली में कितने जुगाड़ वाहन चल रहे हैं। इन जुगाड़ वाहनों में किस तरह के इंजन का उपयोग हो रहा है, इसकी जानकारी भी अध्ययन में देनी होगी। इन वाहनों से कितना वायु प्रदूषण होता है, इसका पता भी इस अध्ययन के माध्यम से लगाना होगा।