दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार को उम्मीद है कि उसकी सामाजिक कल्याण योजनाओं से राजस्व अधिशेष की स्थिति पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, परिसंपत्ति निर्माण के लिए खर्च में भारी वृद्धि के कारण वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा 10 वर्ष के उच्चतम स्तर तक बढ़ सकता है।
इसके बावजूद राज्य का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के एक फीसदी से नीचे रहने की संभावना है जबकि सांविधिक सीमा तीन प्रतिशत है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमानों के मुताबिक राजकोषीय घाटा करीब 800 प्रतिशत बढ़कर लगभग 13,703 करोड़ रुपये हो सकता है जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमानों में यह 1,524 करोड़ रुपये था। यह मुख्य रूप से पूंजीगत व्यय में लगभग दोगुनी वृद्धि के कारण है जो वित्त वर्ष 2026 (बजट अनुमान) में 28,115 करोड़ रुपये तय किया गया है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए व्यय में 32 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे एक लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 (संशोधित अनुमान) के 21 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत होने की उम्मीद है। नतीजतन, राजस्व व्यय इस अवधि में 79 प्रतिशत से घटकर 72 प्रतिशत होने का अनुमान है।
सरकार ने इन पूंजीगत व्यय का इस्तेमाल 60 नए सीएम श्री स्कूल बनाने, सड़क और पुल के बुनियादी ढांचे में सुधार करने, 5,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को तैनात कर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का दायरा बढ़ाने में किया जाएगा। इसके अलावा बड़े खर्चों में यमुना को साफ करने, जलभराव और खराब जल निकासी की व्यवस्था जैसी समस्याओं को दूर करने और बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं देने जैसी व्यवस्था का खर्च शामिल है।
सरकार को इस बात का भरोसा है कि वित्त वर्ष 2026 में जीएसडीपी का लगभग 0.67 प्रतिशत राजस्व अधिशेष बना रहेगा। ऐसा तब भी होगा जब पात्र महिलाओं के लिए 2,500 रुपये की मासिक सहायता, वरिष्ठ नागरिकों और अन्य कमजोर वर्गों के लिए पेंशन में वृद्धि, पीएम किसान के लिए टॉप-अप जैसी योजना लागू की जाएगी।
राजस्व प्राप्तियों में सरकार के अपने कर राजस्व (ओटीआर) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 के 95 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2026 में 84 प्रतिशत होने का अनुमान है। अनुमान है कि घटती हिस्सेदारी की भरपाई, मजबूत गैर-कर राजस्व से पूरी की जाएगी जो वित्त वर्ष 2025 (संशोधित अनुमान) के 6 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2025-26 (बजट अनुमान) में राजस्व प्राप्तियों में 16 प्रतिशत का योगदान देगा। इसके अलावा, भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से राजस्व प्राप्तियों में अनुदान सहायता की हिस्सेदारी इस अवधि में सात प्रतिशत से दोगुनी होकर लगभग 15 प्रतिशत होने वाली है। हालांकि, राज्य को केंद्रीय विभाज्य पूल से कुछ भी नहीं मिलेगा जैसा कि पहले हुआ करता था।