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Cyclone Biparjoy: सीतारमण ने बिपारजॉय चक्रवात के मद्देनजर बैंकों, बीमा कंपनियों के साथ की मीटिंग

सीतारमण ने कहा कि बैंकों और बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिपारजॉय चक्रवात के दौरान कर्मचारियों को पर्याप्त देखभाल, भोजन और दवा मिले।

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भाषा   
Last Updated- June 15, 2023 | 3:23 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की गई।

“अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान” के रूप में वर्गीकृत ‘बिपारजॉय’ के गुरुवार को गुजरात तट पर पहुंचने का अनुमान है। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, “बैंकों और बीमा कंपनियों के एमडी ने बिपारजॉय चक्रवात के मद्देनजर एहतियाती उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक के दौरान, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी आपदा प्रबंधन नियमों का पालन करने के साथ-साथ कर्मचारियों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।” एक और ट्वीट में कहा गया है, “उन्होंने (सीतारमण) कहा कि बैंकों और बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिपारजॉय चक्रवात के दौरान कर्मचारियों को पर्याप्त देखभाल, भोजन और दवा मिले। उन्होंने कहा कि जीवन, मत्स्य पालन, पशुधन, फसलों, नावों और संपत्ति के नुकसान से उत्पन्न होने वाले दावों को शीघ्रता से निपटाया जाना चाहिए।”

वहीं, दिल्ली में आयोजित भाजपा के ‘महा जनसंपर्क अभियान’ में सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सरकार द्वारा विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन ने भारत को “सबसे ऋणग्रस्त राष्ट्र” बनने से बचा लिया।

उन्होंने कहा, “जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि भारत का कर्ज उच्च स्तर तक बढ़ गया है, वे वही लोग हैं जिन्होंने सरकार को महामारी के दौरान पैसे छापने और इसे वितरित करने की सलाह दी थी। अगर सरकार ने उनकी सलाह मान ली होती तो हम अब तक सबसे ज्यादा कर्जदार देश बन गए होते और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं बने होते।”

First Published : June 15, 2023 | 8:55 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)