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भारत में क्रूज यात्रियों की तादाद वित्त वर्ष 2024 में महामारी से पहले का स्तर पार कर सकती है। मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष राजीव जलोटा ने सोमवार को कहा कि यात्रियों की बढ़ती तादाद के अनुरूप ही टर्मिनलों के विकास तथा सीमा शुल्क और आव्रजन के मानक संचालन नियमों को आसान किया जाएगा।
जलोटा ने कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि हमें अक्टूबर से मुंबई में 130-140 क्रूज जहाजों की आवाजाही संभालनी होगी। भारतीय बंदरगाहों से जाने वाले क्रूज जहाजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।’
वित्त वर्ष 2022-23 में, चेन्नई, कोच्चि, मेर्मुग्ण्वो, मुंबई, न्यू मंगलूर और विशाखापत्तनम के बंदरगाहों ने 348,000 से अधिक क्रूज यात्रियों का प्रबंधन किया। वित्त वर्ष 2019-20 में, भारतीय बंदरगाहों में यात्रियों की तादाद 470,000 से अधिक था।
देश में सबसे अधिक क्रूज जहाज यात्री मुंबई बंदरगाह पर दिखते हैं और यहां एक नया क्रूज टर्मिनल विकसित हो रहा है जिसकी शुरुआत वर्ष 2023 के अंत या वर्ष 2024 के आरंभ में हो जाएगी। चेन्नई में एक यात्री टर्मिनल की शुरुआत इस महीने के आरंभ में हुई जहां से श्रीलंका के लिए क्रूज लॉन्च किया गया। अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप और पुदुच्चेरी में भी नए टर्मिनलों की योजना बनाई जा रही है।
सोमवार को कोस्टा क्रूजेज ने भी छुट्टियों के दौरान देश में भीतर की जाने वाली यात्रा में तेजी का संकेत देते हुए तीन साल बाद भारत लौटने की घोषणा की।
कोस्टा क्रूजेज का एक जहाज चार सीजन के लिए मुंबई के बंदरगाह पर रहा था जब तक कि महामारी ने वैश्विक यात्रा बाधित नहीं की थी। इतालवी क्रूज लाइन का जहाज कोस्टा सेरेना अब नवंबर-जनवरी के बीच घरेलू मार्गों पर नजर आएगा। इसमें गोवा, कोच्चि और लक्षद्वीप के लिए 2 से 5 दिनों की 23 यात्राएं शामिल हैं। लक्षद्वीप को पहली बार शामिल किया गया था।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल और इटली के महावाणिज्य दूत अलेसांद्रो दी माची ने मुंबई में हुए लॉन्च कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
एक घरेलू बंदरगाह वह है जहां से एक क्रूज जहाज अपनी यात्रा शुरू या समाप्त करता है जो पारगमन स्थल से अलग होता है। परंपरागत रूप से भारतीय बंदरगाहों ने विदेशी क्रूज जहाजों के लिए सामानों की आपूर्ति करने वाली जगह के रूप में काम किया।
कोस्टा क्रूजेज के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी रॉबर्टो अल्बर्टी ने कहा, ‘महामारी के बाद क्रूज उद्योग के लिए भविष्य उज्ज्वल है। हम यूरोप और दक्षिण अमेरिका में वृद्धि देख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भारत भी ऐसा ही करेगा।’