आयकर विभाग ने 115 करोड़ रुपये की रिकवरी की मांग का हवाला देते हुए कांग्रेस के 9 बैंक खाते ‘फ्रीज’ कर दिए। विपक्षी दल ने दावा किया कि बाद में आयकर अपील अधिकरण (आईटीएटी) ने अगले सप्ताह सुनवाई होने तक उसके खातों से रोक हटा दी।
कांग्रेस ने लोक सभा चुनाव की घोषणा से कुछ हफ्ते पहले खातों पर लगी रोक को ‘लोकतंत्र पर तालेबंदी’ करार दिया और कहा कि अगर यह रोक नहीं हटती तो उसकी राजनीतिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती थीं।
दूसरी ओर सूत्रों ने कहा कि केवल 115 करोड़ रुपये की रकम निकालने पर ही रोक लगाई गई है। आयकर अपीलीय अधिकरण मामले में अगली सुनवाई 21 फरवरी को करेगा।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने दावा किया था कि आम चुनाव की घोषणा होने से लगभग दो सप्ताह पहले की गई कार्रवाई से पार्टी की राजनीतिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
माकन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘हमारी याचिका पर आयकर विभाग और आयकर अपील अधिकरण ने कहा है कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि 115 करोड़ रुपये बैंक खातों में रखे जाएं, हम उससे ऊपर की राशि ही खर्च कर सकते हैं। इसका मतलब है कि 115 करोड़ रुपये ‘फ्रीज’ कर दिए गए हैं। यह राशि हमारे चालू खाते से कहीं अधिक है।’
पार्टी के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने कहा कि पार्टी को अब अपने बैंक खाते संचालित करने की अनुमति दे दी गई है। तन्खा ने कहा कि उन्होंने अधिकरण को बताया कि यदि पार्टी के खाते ‘फ्रीज’ रहेंगे तो कांग्रेस ‘चुनाव के उत्सव’ में भाग नहीं ले सकेगी।
सूत्रों ने कहा कि यह मामला वर्ष 2018-19 के लिए आयकर विभाग की ओर से 103 करोड़ रुपये मांगे जाने से संबंधित है। यह रकम जुलाई 2021 में 105 हो गई। इसमें 32 करोड़ रुपये ब्याज के रूप में और जोड़े गए , क्योंकि पार्टी ने देर से रिटर्न भरा था। सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने कांग्रेस का एक भी खाता सीज नहीं किया है।