बिजली क्षेत्र के शीर्ष नियामक केंद्रीय बिजली आयोग (सीईआरसी) ने बिजली बाजार को एकीकृत करने पर स्टाफ पेपर जारी किया है। इसमें बिजली के कारोबार के लिए सभी मौजूदा बिजली ट्रेडिंग कंपनियों का एक मार्केटप्लेस में विलय का प्रस्ताव है। बिजली मंत्रालय के निर्देशों के बाद केंद्रीय बिजली नियामक आयोग ने शुरुआती स्टाफ पेपर जारी कर नियामकीय प्रक्रिया की शुरुआत की है और इस मसले पर सभी हितधारकों से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है।
बाजार के प्रस्तावित एकीकरण का मकसद सभी मौजूदा पावर मार्केट प्लेटफॉर्मों और उनके द्वारा पेश किए गए अनुबंधों का विलय करना है। प्रस्तावित एकीकृत ढांचे में एक मार्केट कपलिंग ऑपरेटर (एमसीओ) की स्थापना करने पर भी विचार रखा गया है।
इसे हाजिर बिजली कारोबार के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। सीईआरसी ने एमसीओ के रूप में सभी बिजली एक्सचेंजों का एक एकीकृत निकाय या एसीओ के रूप में काम करने के लिए ग्रिड इंडिया की तरह एक अलग संस्था का सुझाव दिया है।
भारत में तीन बिजली एक्सचेंज हैं। सभी निजी मालिकाना वाले हैं, जो हाजिर बिजली बाजार का संचालन करते हैं। हाजिर बिजली बाजार में कम अवधि का बिजली कारोबार होता है, जो एक दिन पहले होता है। उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने वाली बिजली वितरण कंपनियां, बिजली उत्पादकों से दीर्घावधि बिजली खरीद समझौता करती हैं।