भारत

आदि शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण, जानें ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ के बारे में सब कुछ

रामपुरा ने प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के एक चित्र के आधार पर मॉडल प्रतिमा बनाई थी।

Published by
बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 21, 2023 | 7:41 PM IST

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) ने गुरुवार को खंडवा जिले में स्थिति प्रसिद्ध तीर्थ ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत पर आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया।

तीन धातुओं से निर्मित इस प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ वननेस (एकात्मता की प्रतिमा) का नाम दिया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 2,200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अद्वैत लोक का शिलान्यास भी किया।

यह मूर्ति सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरे द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। उनके द्वारा निर्मित 5 फीट की मॉडल प्रतिमा को आधार मानकर ही यह 108 फीट ऊंची प्रतिमा तैयार की गयी है। रामपुरा ने प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के एक चित्र के आधार पर मॉडल प्रतिमा बनाई थी।

स्टैच्यू ऑफ वननेस एक नजर में

एकात्म धाम में स्थापित आचार्य शंकर की प्रतिमा का नाम एकात्मता की मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ वननेस) है।

108 फीट की मूर्ति आचार्य शंकर के बाल रूप 12 वर्ष की आयु की है।

मूर्ति के आधार में 75 फीट का पैडेस्टल है।

मूर्ति पत्थर से बने 16 फीट के कमल पर स्थापित है।

मूर्तिकार भगवान रामपुरे एवं चित्रकार वासुदेव कामत के मार्गदर्शन में मूर्ति का निर्माण किया गया है।

मूर्ति के लिए मेटल कन्वर्ट करने का काम चीन में किया गया।

प्रतिमा में 88 प्रतिशत कॉपर, 4 प्रतिशत जिंक, 8 प्रतिशत टिन का उपयोग किया गया है। प्रतिमा 100 टन वजनी है।

कुल 290 पैनल से यह मूर्ति निर्मित की गई है।

समग्र अधोसंरचना के निर्माण में उच्च गुणवत्ता के 250 टन के स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है।

कंक्रीट के पैडस्टल की डिजाइन 500 वर्ष तक की समयावधि को ध्यान में रखकर की गई है।

First Published : September 21, 2023 | 7:41 PM IST