सितंबर में अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड के जरिए 4,000 करोड़ रुपये जुटाने के बाद भारतीय स्टेट बैंक अब एटी-1 बॉन्ड के जरिये 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है ताकि परिपक्व हो रही प्रतिभूति की जगह नया बॉन्ड ले ले।
देश के सबसे बड़े बैंक के अधिकारियों ने कहा कि बैंक के पास अपने कारोबारी रफ्तार व नियामकीय नियमों के अनुपालन के लिए पूंजी का पर्याप्त आधार है। ये बॉन्ड जब जारी होंगे तो ये मौजूदा वित्त वर्ष में परिपक्व हो रहे बॉन्ड की जगह लेंगे।
एसबीआई का पूंजी पर्याप्तता अनुपात जून 2021 के आखिर में 13.66 फीसदी था जबकि टियर-1 11.32 फीसदी। जून में कॉमन इक्विटी टियर-1 9.91 फीसदी था जबकि एटी-1 1.41 फीसदी।
एटी-1 प्रतिभूति की प्रकृति परपेचुअल होती है, हालांकि जारी करने वाला इसे पांच साल या इससे आगे के वर्षगांठ पर वापस मंगा सकता है। बैंंक के पास हालांकि एएए क्रेडिट रेटिंग है जबकि एटी-1 पेशकश की रेटिंग एए प्लस है क्योंकि इन प्रतिभूतियों की प्रकृति हाइब्रिड और उच्च जोखिम वाली है।
सितंबर 2021 में एसबीआई ने एटी-1 बॉन्ड के जरिए 4,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसकी ब्याज दर 7.72 फीसदी तय की गई थी, जो 2013 में बेसल-3 के पूंजी नियम लागू होने के बाद किसी भारतीय बैंक की तरफ से जारी ऐसे डेट पर सबसे कम ब्याज दर है।
सेबी के नए नियम लागू होने के बाद देसी बाजार में यह एसबीआई का पहला बॉन्ड इश्यू था। इस इश्यू को 10,000 करोड़ रुपये की बोली मिली थी जबकि इस इश्यू का मूल आकार 1,000 करोड़ रुपये का था।
