बढ़ती ब्याज दरें दिलाएंगी बाजार के टूटे हुए दिलों को दिलासा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:05 PM IST

पवन कुमार भसीन हाल ही में मुंबई में बिक्री कर के उपायुक्त पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। पवन का विचार सेवानिवृत्ति से मिलने वाले 12 लाख रुपये में से ज्यादातर पैसे को सावधि जमाखाते में लगाना चाहते हैं।


शेयर बाजार में उठा-पटक और पिछले कुछ महीनों में म्युचुअल फंडों के खराब होते प्रदर्शन को देखते हुए भसीन का कहना है कि सावधि जमा खाता उनके लिए बेहतर सौदा रहेगा। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले मेरे जैसे सेवानिवृत्त लोगों के लिए राष्ट्रीय बचत पत्र, म्युचुअल फंडों की मासिक निवेश योजनाएं या डाक घर योजनाएं निवेश के बढ़िया विकल्प माने जाते थे, जिनमें 8 प्रतिशत का निश्चित रिटर्न मिलता था।

लेकिन ब्याज दरों में हुए हालिया इजाफे के साथ सावधि जमा अब बहुत बढ़िया विकल्प है खास तौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो तीन वर्ष के जमाखाते पर 10.5 प्रतिशत रिटर्न कमा सकते हैं।’ इसलिए वे 8 लाख रुपये निवेश करने के विचार से इस सप्ताह पंजाब नैशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और महाराष्ट्र बैंक की अपने घर की नजदीकी शाखाओं में पहुंचे। बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) ने विभिन्न अवधियों के लिए जमा दरें जुलाई से लगभग 0.25-0.75 प्रतिशत बढ़ा दी हैं। वरिष्ठ नागरिकों को 0.50-1 प्रतिशत अधिक ब्याजद दरें दी जा रही हैं।

भसीन की तरह की 72 वर्षीय हिनाबेन शाह (बदला हुआ नाम) हैं जो अपने 2.5 लाख रुपये को 49 हजार रुपये वाले 5 सावधि जमाखातों में लगाना चाहती हैं। बैंक या वित्तीय कंपनियों की ओर से जमाखाते के परिपक्व होने पर कर काट कर पैसे दिया जाता है, इससे बचने के लिए, एचडीएफसी बैंक की एक योजना है जिसमें साधारण जमा योजना के मुकाबले 0.50 प्रतिशत तक अधिक दर मुहैया कराई जाती है अगर आप 49 हजार रुपये वाली बैंक की योजना के साथ बैंक किसी भी शाखा के साथ जुड़ना चाहते हैं।

शाह के वित्तीय सलाहकार किशोर पटेल का कहना है, ‘यह सावधि जमाखातों में निवेश करने का सही समय है, चूंकि ब्याज दरें काफी आकर्षक हैं। बहुत से निवेशक मंदी के बाजार और म्युचुअल फंडों में एनएवी के कम होने के शिकार हुए हैं। जो निवेशक हमारे पास आते हैं अब वे इक्विटी बाजार या फिर म्युचुअल फंडों से जुड़ी योजनाओं से दूर रहना पसंद करते हैं, जिनमें फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान भी शामिल हैं। हम उन्हें अब सावधि जमाखातों पर मिल रही ब्याज दरों से लाभ कमाने की सलाह देते हैं।’

पटेल के अपने ग्राहकों खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को उनकी निवेश राशि का 40 से 50 प्रतिशत तक सावधि जमाखातों में लगाने की सलाह देते हैं। पटेल का दावा है कि पिछले तीन सप्ताहों से जब से बैंकों ने जमा दरों को बढ़ाया है, कम से कम 200 नए निवेशक उनके पास अपनी अतिरिक्त राशि को सावधि जमाखातों में लगाने के लिए पहुंचे हैं। एंजिल ब्रोकिंग के बैंकिंग विश्लेषक विभव अग्रवाल का कहना है, ‘बैंकों के बचत और चालू खातों में से पैसा अब सावधि जमाखातों में जाना शुरू हो जाएगा।’

ऐसा नहीं है कि सावधि जमाखातों में निवेश की सलाह सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों को ही दी जा रही है। कारवी स्टॉक ब्रोकिंग के शोध प्रमुख अंबरीश बालिगा अपने रिटेल ग्राहाकें को अल्पावधि फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लानों में पैसा निवेश करने को कहते हैं, उनका कहा है कि लोगों को अपने खर्च योग्य पैसे में से 10 से 15 प्रतिशत रकम सावधि जमाखाता में लगानी चाहिए। 29 जुलाई को घोषित होने वाले तिमाही नतीजों के बाद ब्याज दरों के और बढ़ने की उम्मीद है। बालिगा कहते हैं कि निवेशक सितंबर के नजदीक निवेशकों को सावधि जमाखातों में और अधिक पैसा लगा सकते हैं।

बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक के आर कामत का कहना है, ‘बैंक आवधि जमाखातों पर ग्राहकों के रिटर्न को बढ़ती मुद्रास्फीति के दौर में सुरक्षित रखने के लिए ब्याज दरों को बढ़ा दिया है। जल्द ही हम रिटेल क्षेत्र से अधिक खातों के लिए एक अभियान भी शुरू करने वाले हैं।’ निवेश का सुरक्षित विकल्प होने के साथ ही सावधि जमा खाते कर में लाभ के योग्य भी हैं अगर उनकी अवधि पांच वर्ष या उससे अधिक हो तो। बेशक पांच वर्ष अवधि वाले खातों पर दरें तीन वर्ष की अवधि से कम हैं (तालिका देखें), लंबे समय के लिए जमाखाते कर में लाभ मिलने के चलते फिर भी अधिक रिटर्न कमाते हैं।

इसके अलावा ज्यादातर बैंक जमाराशि के लगभग 90 प्रतिशत तक के लिए ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी देते हैं। इस तरह के कर्ज पर आमतौर पर ब्याज जमा दर से 2 प्रतिशत अधिक होता है। बैंकों के लिए अधिक जमा दरों का मतलब है कि कर्ज की मांग को पूरा करने के लिए उन्हें अधिक पैसा मिलता है।

First Published : July 21, 2008 | 12:10 AM IST