अपेक्षाकृत छोटे राज्यों मसलन असम और अरुणाचल प्रदेश के निवेशक शेयर बाजारों में अच्छी खासी संख्या में प्रवेश कर रहे हैं। पिछले साल बिहार, मध्य प्रदेश और ओडिशा समेत इन उत्तर पूर्वी राज्यों से निवेशकों की संख्या दोगुनी हो गई। पिछले हफ्ते बीएसई में निवेशकों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार निकल गया। पिछले साल निवेशकों की संख्या में कुल बढ़ोतरी 58 फीसदी हुई है। बड़े राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश और राजस्थान के निवेशकोंं की संख्या में हुई बढ़ोतरी की रफ्तार ज्यादा तेज रही है। यहां तक कि बड़े निवेशक आधार के साथ महाराष्ट्र में निवेशकों की संख्या में करीब 50 फीसदी की उछाल आई है। शेयर इंडिया के शोध प्रमुख रवि सिंह ने कहा, यह देसी पूंजी बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी में मजबूत बढ़ोतरी दर्शाता है। तकनीक का प्रसार, वित्तीय जागरूकता में सुधार, ऑनलाइन ट्रेडिंग के अत्याधुनिक उपकरण और वास्तविक समय में कीमत की चाल तक आसान पहुंच ने इस कामयाबी में योगदान किया है। सोशल मीडिया और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के बढ़ते प्रभाव से हम यह बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अन्य परिसंपत्ति वर्गों मसलन फिक्स्ड डिपॉजिट, सोना और रियल एस्टेट में पिछले साल रिटर्न सुस्त बना रहा, ऐसे में निवेशक महंगाई को मात देने वाले बेहतर रिटर्न के लिए इक्विटी बाजारों पर नजरें टिकाए हुए हैं।